Punjab News: पंजाब सरकार ने जनवरी में शीतकालीन विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी कर ली है, जो जनवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है।
Punjab News: पंजाब सरकार ने जनवरी में शीतकालीन विधानसभा सत्र (Winter Assembly Session) बुलाने की तैयारी कर ली है, जो जनवरी (January) के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है। इस सत्र में केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए कृषि मंडीकरण के ड्राफ्ट प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है, जिसको लेकर पक्ष और विपक्ष (Pros and Cons) दोनों एक सुर में विरोध कर सकते हैं। यह ड्राफ्ट किसानों, आढ़तियों और शेलर मालिकों द्वारा विरोध का सामना कर रहा है। कई बैठकें भी इस मुद्दे पर हो चुकी हैं।
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केंद्र सरकार की यह ड्राफ्ट नीति, जो पंजाब सरकार (Punjab Government) को भेजी गई है, मंडीकरण के नए राष्ट्रीय नीति के तहत किसानों के हितधारकों से सुझाव लेने के लिए भेजी गई थी। यह नीति पिछले कुछ वर्षों में वापस लिए गए तीन कृषि कानूनों के समान प्रावधानों को लागू करने का प्रयास है, जिसके चलते मौजूदा मंडी सिस्टम को खत्म करने की संभावना है।
कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां (Minister Gurmeet Singh Khuddian) ने कहा कि सरकार इस नीति पर विस्तार से चर्चा कर रही है, ताकि यह समझा जा सके कि किसानों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
कैबिनेट बैठक में प्रस्तावों पर विचार
वहीं, सरकार कैबिनेट बैठक (Government Cabinet Meeting) में भी कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। इनमें इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी बढ़ाने, सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी में इको सेंसिटिव जोन (ESZ) बढ़ाने और ईडब्ल्यूएस हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की जमीन नीलामी में बेचने का प्रस्ताव शामिल है।
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सरकार औद्योगिक क्षेत्र (Government Industrial Area) की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव ला सकती है, जिससे सरकार को अतिरिक्त 800 से 900 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है। इसके अलावा, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षित की गई भूमि को प्राइवेट रियल एस्टेट मालिकों द्वारा नीलामी में खरीदी जा सकेगी। सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी में इको सेंसिटिव जोन के दायरे को तीन किलोमीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाया जा सकता है, हालांकि इसे लेकर पहले विरोध हुआ था और अब इसमें कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।

