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Punjab सरकार का पराली जलाने के खिलाफ बड़ा अभियान, पूरे राज्य में लगेंगे ग्राम-स्तरीय शिविर

पंजाब राजनीति
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3,333 गांवों और 296 ब्लॉकों में होंगे शिविर

Punjab News: पंजाब में अब तक पराली जलाने (Stubble Burning) के 90 मामले दर्ज हो चुके हैं। बता दें कि रविवार को ही 8 नए मामले सामने आए, जिनमें सबसे अधिक 51 केस अमृतसर से जुड़े हैं। इसे देखते हुए पंजाब सरकार (Punjab Government) पराली जलाने की समस्या से निपटने और फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करने जा रही है।

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नुक्कड़ नाटक और दीवार पेंटिंग से फैलाया जाएगा संदेश

राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां (Minister Gurmeet Singh Khuddian) ने कहा कि सरकार ने एक महत्वाकांक्षी सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) योजना तैयार की है। इसके तहत 50 प्रचार वैन गांव-गांव संदेश पहुंचाएंगी। साथ ही, 444 नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे और राज्यभर में 12,500 दीवार पेंटिंग बनाई जाएंगी। इन माध्यमों से पराली जलाने के दुष्प्रभाव और सीआरएम मशीनरी के लाभ किसानों तक पहुंचाए जाएंगे।

गांव-गांव लगेंगे जागरूकता शिविर

मंत्री ने कहा कि किसानों तक सीधे पहुंच बनाने के लिए 3,333 ग्राम-स्तरीय और 296 ब्लॉक-स्तरीय शिविर लगाए जाएंगे। यहां विशेषज्ञ किसानों को पराली प्रबंधन की जानकारी देंगे। साथ ही, 148 आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर परिवारों तक संदेश पहुंचाने के लिए लगाया जाएगा। स्कूलों में निबंध, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के जरिए भी बच्चों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा।

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सख्त कार्रवाई की शुरुआत

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अमृतसर के बाद तरनतारन में 11, पटियाला में 10, मलेरकोटला में 4, कपूरथला में 3, बरनाला और होशियारपुर में 2-2, जबकि बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, जालंधर और एसएएस नगर में एक-एक मामला सामने आया है।

प्रशासन ने 47 मामलों में कुल 2.25 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है, जिसमें से 1.75 लाख रुपये की राशि पहले ही वसूली जा चुकी है। इसके अलावा सीआरपीसी की धारा 223 के तहत 49 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है। भू-अभिलेखों में की गई ‘रेड एंट्री’ के चलते अब संबंधित किसान न तो अपनी ज़मीन बेच सकते हैं, न गिरवी रख सकते हैं और न ही किसी प्रकार का कृषि ऋण ले सकते हैं।

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जन आंदोलन का रूप लेगा अभियान

मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां (Minister Gurmeet Singh Khuddian) ने कहा कि इस बार सरकार सिर्फ मशीनरी उपलब्ध कराने पर ही नहीं, बल्कि किसानों का भरोसा जीतने पर जोर दे रही है। यह अभियान गांवों, स्कूलों और घरों तक जाकर पराली प्रबंधन को जन आंदोलन बनाने का प्रयास है। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार का लक्ष्य आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, हरित और स्वस्थ वातावरण तैयार करना है और यह अभियान वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने की सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।