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Punjab: मंत्री ख़ुड्डीयां का मुख्य कृषि अधिकारियों को प्रत्येक पखवाड़े प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश

दिल्ली NCR
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Punjab: कृषि मंत्री ने गुणवत्ता नियंत्रण मुहिम के तहत बीज, खाद और कीटनाशकों के नमूने लेने के लक्ष्य पूरे करने के निर्देश दिए

Punjab: चंडीगढ़, 21 जनवरी: राज्य में कृषि विभाग से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स गुरमीत सिंह ख़ुड्डीयां ने आज सभी मुख्य कृषि अधिकारियों को प्रत्येक पंद्रह दिन के बाद प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसका उद्देश्य राज्य में चल रही केंद्र और राज्य सरकार की कृषि संबंधी योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन करना है ताकि समय पर आवश्यक सुधार किए जा सकें।

यह निर्देश मंत्री द्वारा किसान भवन में मुख्य कृषि अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिए गए। उन्होंने कल सात जिलों में चल रही योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा की थी और बाकी जिलों के अधिकारियों को आज उनकी संबंधित जिलों की प्रगति समीक्षा के लिए बुलाया गया था।

मंत्री ने राज्य के किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए फील्ड स्टाफ को बीज, कीटनाशकों और खाद के नमूने लेने के लक्ष्यों को पूरा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभाग के सामने आने वाली चुनौतियों और उपलब्धियों को जानने के लिए नियमित रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। पखवाड़ा रिपोर्टिंग प्रणाली से विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे कार्यक्षमता में सुधार होगा और राज्य भर के किसानों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।

गुरमीत सिंह ख़ुड्डीयां ने बताया कि विभाग द्वारा शुरू की गई गुणवत्ता नियंत्रण मुहिम के तहत बीजों, कीटनाशकों और खाद के नमूने लेने के लक्ष्य क्रमशः 6100, 4800 और 3700 निर्धारित किए गए थे। इनमें से अब तक 5082 बीज, 2867 कीटनाशक और 2473 खाद के नमूने लिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता जांच में 141 बीज नमूने फेल हो गए, 81 कीटनाशकों और 78 खादों के नमूने भी मानकों पर खरे नहीं उतरे। विभाग ने उन डीलरों/फर्मों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनके नमूने गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं पाए गए।

पंजाब में चल रही केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित कृषि योजनाओं की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने मुख्य कृषि अधिकारियों को फंडों का सही ढंग से उपयोग सुनिश्चित करने और चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले सक्षम अधिकारियों से उपयोग प्रमाणपत्र जमा कराने के निर्देश भी दिए।