Personal Loan: अब पर्सनल लोन लेने वालों को ना प्रोसेसिंग फीस और ना ही EMI की टेंशन होगी।
Personal Loan: पर्सनल लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि अब पर्सनल लोन (Personal Loan) लेने वालों को ना प्रोसेसिंग फीस और ना ही EMI की टेंशन होगी। अगर बात करें जब इमरजेंसी में पैसों की जरूरत होती है तो लोग पर्सनल लोन के बारे में सोचते हैं। लेकिन पर्सनल लोन की ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं और हर महीने EMI चुकाने का तनाव रहता है। वहीं एक लोन ऐसा भी है जो आपको पर्सनल लोन से काफी सस्ता पड़ता है और इसमें EMI देने का कोई तनाव नहीं रहता है। इसका रीपेमेंट सिस्टम इतना आसान है कि आप अपनी सुविधा के अनुसार से लोन को भर सकते हैं। पढ़िए पूरी खबर….

आपको बता दें कि हम बात कर रहे हैं एलआईसी लोन (LIC Loan) की। एलआईसी की कई पॉलिसीज हैं जिस पर लोन की सुविधा देता है। अगर आपके पास एलआईसी पॉलिसी है और उस पर लोन की सुविधा मौजूद है तो आप मुश्किल टाइम में उस लोन को लेकर पैसों का जुगाड़ कर सकते हैं। इस लोन में पेपर वर्क की जरूरत नहीं होती है। मात्र 3-5 दिन में ही लोन की राशि मिल जाती है।
इस लोन में नहीं लगते हैं प्रोसेसिंग फीस या हिडन चार्जेज
LIC पर लोन का एक फायदा भी है आपको अपनी पॉलिसी को सरेंडर नहीं करना पड़ता है। ऐसे में आपको बीमा से मिलने वाले फायदे भी मिलते हैं। इसके साथ ही ये लोन पर्सनल लोन के मुकाबले काफी पड़ता है। साथ ही इसे लेते समय प्रोसेसिंग फीस या हिडन चार्जेज नहीं देना होता हैं। ऐसे में लोन की अतिरिक्त शुल्क से बचत हो जाती है। आमतौर पर LIC पर लोन 9 प्रतिशत से 11 प्रतिशत तक के ब्याज पर मिल जाता है, जबकि पर्सनल लोन पर आपस 10.30 प्रतिशत से लेकर 16.99 प्रतिशत तक ब्याज लिया जा सकता है।
हर महीने नहीं देना होता EMI
LIC पॉलिसी पर अगर आप लोन लेते हैं तो इसका रीपेमेंट (Repayment) आसान होता है। इसमें लोन चुकाने के लिए बहुत टाइम मिलता है क्योंकि लोन (Loan) की अवधि कम से कम 6 महीने से लेकर इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी तक हो सकती है। ऐसे में कस्टमर के लिए अच्छी बात ये है कि इस लोन पर हर महीने EMI चुकाने की टेंशन नहीं होती है। आपके पास जैसे-जैसे पैसे जमा होते जाएं, आप उसके हिसाब से पैसे दे सकते हैं। लेकिन एक बात ध्यान रहे कि वार्षिक ब्याज इसमें जुड़ता रहेगा। अगर कोई कस्टमर 6 महीने की न्यूनतम अवधि के अन्दर लोन का निपटान करता है, तो उसे 6 महीने की पूरी अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करना होता है।

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3 तरह से चुका सकते हैं लोन
- पूरे मूलधन को ब्याज के साथ चुकाएं।
- बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी के टाइम क्लेम अमाउंट के साथ मूलधन का निपटान करें। ऐसे में अब आपको केवल ब्याज राशि चुकानी होगी।
- सालाना ब्याज राशि चुकाएं और मूल राशि को अलग तरीके से चुकाएं।
जानिए कितना मिल सकता है लोन?
एलआईसी में लोन की राशि सरेंडर वैल्यू (Surrender Value) के हिसाब से तय किया जाता है। आपको पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू का 80-90 प्रतिशत तक लोन मिल सकता है।
क्या LIC पर मिलने वाला लोन सुरक्षित लोन है?
LIC पॉलिसी पर मिलने वाला लोन सुरक्षित लोन (Secured Loan) है। इसे देते टाइम बीमा कंपनी आपकी पॉलिसी को गिरवी रखती है। अगर लोन वापस न करने पर या लोन की बकाया राशि पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू से अधिक हो जाने पर कंपनी को आपकी पॉलिसी समाप्त करने का अधिकार रखती है। अगर आपकी बीमा पॉलिसी लोन चुकाने से पहले मैच्योर हो जाती है है तो आपकी राशि से बीमा कंपनी लोन की राशि काट सकती है।
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कैसे करें लोन के लिए अप्लाई?
LIC पॉलिसी के बदले लोन (Loan) लेने के लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन के लिए आपको LIC ऑफिस में जाकर KYC डॉक्यूमेंट्स के साथ लोन के लिए आवेदन करना होगा। वहीं ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए LIC E-Services के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद अपने अकाउंट में लॉग-इन करें। इसके बाद चेक करें कि आप बीमा पॉलिसी बदले लिए जाने वाले लोन को प्राप्त करने के लिए सक्षम है या नहीं। यदि है तो लोन की नियम, शर्तें, ब्याज दरें आदि के बारे में पढ़ लें। इसके बाद एप्लीकेशन सबमिट करें और KYC डॉक्यूमेंट्स को ऑनलाइन अपलोड करें।

