UP News: यूपी के इन जिलों में रहने वाले लोगों की चांदी होने वाली है। इस परियोजना (Project) में अब तक 7 हजार किसानों को करीब 750 करोड़ का मुआवजा (Compensation) बंट चुका है। पढ़िए पूरी खबर…
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परियोजना का विवरण
वाराणसी से गोरखपुर फोर लेन (Varanasi to Gorakhpur Four Lane) और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से बलिया व बक्सर को जोड़ने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जमीन देने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले है। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे जनपद के करीमुद्दीनपुर स्टेशन के उस पार से 2 रूट में जाएगा। एक बक्सर और दूसरा बलिया को जोड़ेगा। परियोजना के लिए जनपद में 8456 किसानों की जमीन के बैनामे हुए थे। इन्हें करीब साढ़े 850 करोड़ का मुआवजा वितरण होना था।
इसमें 7000 किसानों को करीब 750 करोड़ बंट चुका है। अभी करीब डेढ़ हजार किसानों का करीब 55 करोड़ का मुआवजा बांटना है। यह मुआवजा किसानों (Compensation Farmers) के भुगतान को लेकर लगी आपत्तियों या कोर्ट में विवाद के कारण अटका है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बाद इतना मुआवजा जनपद के किसानों को मिला है।
खरीददार बढ़ने से जमीनों के बढ़े रेट
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (Green Field Expressway) का मुआवजा मिलने के बाद किसान उस पैसे को जमीन में ही लगाना चाहते हैं, ताकि कम हुई जमीन की भरपाई हो सके। इसके लिए करइल में जमीन खरीदारों की संख्या बढ़ गई है। अधिक खरीददार होने के कारण जमीन का दाम आसमान छू रहा है। पहले जो जमीन दस लाख रुपये में मिलती थी अब वह 20 से 25 लाख हो गई है। जमीन भी नहीं मिल रही है। किसान अपना पैसा जमीन में ही इन्वेस्ट करना चाहते हैं।
किसानों के लिए सुनहरा अवसर
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का मुआवजा प्राप्त करने के बाद किसानों को अपनी जमीन की वृद्धि (Land Rise) के लिए सुनहरा अवसर मिल रहा है। इसके माध्यम से किसान न केवल अच्छी मुनाफा कमा रहे हैं। उनकी जमीन का मूल्य भी बढ़ रहा है। इससे किसान न केवल अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रहा है। बल्कि उनकी सोच में भी पॉजिटिव बदलाव आ रहा है।