Bank News: अक्सर जब हम बैंक जाते हैं तो यह सुनने को मिलता है कि लंच के बाद आना या अगले काउंटर पर जाओ। लेकिन अब आपको ऐसी बातें सुनने को नहीं मिलेगी। जल्द ही आपका बैंकिंग एक्सपीरियंस (Banking Experience) बदलने वाला है। सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ ही सरकार दिव्यागों की बैंक तक पहुंच बनाने के लिए कड़ी गाइडलाइंस का ड्रॉफ्ट भी शेयर किया है।
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सरकार के दिव्यांग (Divyanga) सशक्तिकरण डिपार्टमेंट ने बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) तक सभी की पहुंच को आसान और सरल करने के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस शेयर की हैं। इस पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं।
बनेंगे रैंप और आसान होगी बैंकिंग
डिपार्टमेंट ने अपने ड्राफ्ट में दिव्यांगों (Divyanga) के लिए बैंकों में रैंप बनाने से लेकर कई ऐसी मशीनें लगाने के भी सुझाव दिए हैं, जो ऑटोमेटिक हों और वॉयस कमांड से ऑपरेट किये जा सकें। यही नहीं, सबको बैंक में दूसरी परेशानियों का सामना न करना पड़े इसके लिए ज्यादा से ज्यादा डिजिटल सॉल्युशंस और उनके इस्तेमाल करने के तरीकों को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए कहा गया है।
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डिपार्टमेंट के मुताबिक इन गाइडलाइंस का उद्देश्य बैंकिंग सेक्टर में ऐसा माहौल तैयार करना है जो हर तरह की क्षमता रखने वाले लोगों के लिए बैंकों तक पहुंच आसान हो सके।
इसके अनुसार, बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्रोडक्ट्स से लेकर अन्य सुविधाओं की जानकारी सबके समझने के लिए आसान भाषा में हो। साथ ही बैंक के काउंटर भी सभी यूजर्स के लिए सुलभ हों। ये ऐसे बनें हों कि व्हीलचेयर से आने वाले ग्राहक, छोटे कद के व्यक्ति या देखने-सुनने में अक्षम लोग भी उसका आसानी से प्रयोग कर सकें।
गाइडलाइंस में एटीएम (ATM) और सेल्फ-हेल्प मशीनों की भी डिटेल दी गई है। साथ ही बैंकों को अपनी वेबसाइट और डिजिटल डॉक्युमेंट्स को दिव्यांग यूजर्स के अनुरूप बदलने के लिए भी कहा गया है। आम जनता और स्टेकहोल्डर्स इस पर अपने सुझाव 20 अप्रैल तक दे सकते हैं।
अगर बैंकों के अंदर ज्यादा से ज्यादा डिजिटल सॉल्युशंस और ऑटोमेटिक मशीन लाया जाता है तो लोगों की ज्यादा से ज्यादा जरूरत उन्हीं मशीनों से पूरी हो जाएगी। ऐसे में उनका बैंक काउंटर पर कम से कम काम पड़ेगा।