1 अक्टूबर: नोएडा से गाज़ियाबाद अंधेरे में डूब जाएगा!

गाज़ियाबाद ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा

उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Diesel generator ban in Delhi NCR : दिल्‍ली-NCR में बनी हाईराइज सोसाइटियों, मॉल और अस्पतालों (Hospitals) में अंधेरा छा जाने का खतरा अब तेज हो रहा है। सुनकर शायद आपको यकीन करने में थोड़ी दिक्कत हो लेकिन यह बात एकदम सही है। इसका कारण है कि दिल्ली-नोएडा (Delhi-Noida) और गाजियाबाद (Ghaziabad) पूरे एनसीआर में एक अक्टूबर से डीजल जेनरेटर पर रोक लगने जा रही है। एक अक्टूबर से ग्रेप (Graded Response Action Plan) लागू होने जा रहा है। इसके तहत हाईराइज सोसाइटी (Society), मॉल और अस्पतालों और इंडस्ट्री में ऐसे जेनरेटर को ही चलाने की इजाजत होगी जो पीएनजी या बायो फ्यूल पर चलते हो।

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डीजल जेनरेटर पर रोक लगने से उद्यमियों को काफी नुकसान होने का डर सता रहा है। इसके साथ ही सोसाइटी में रहने वाले लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नोएडा गाजियाबाद की करीब 80 फीसदी सोसाइटी में पावर बैकअप डीजल जेनरेटर (Diesel Generator) के जरिए ही किया जाता है।
इंडस्ट्री को हो सकता है बड़ा नुकसान
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में करीब 12 से 15 हजार उद्योग हैं। इसके अलावा सोसाइटी और निजी संस्थान हैं। शहर में 40 हजार के आस-पास जनरेटर है जिनमें से अब तक करीब चार हजार ही पीएनजी फ्यूल में कनर्वट हो सके हैं। इसमें इंडस्ट्री के 1,500 जनरेटर शामिल हैं। इस स्थिति में यदि डीजल जनरेटर बंद हो जाएंगे तो उद्यम प्रभावित होगा। इसका सीधा असर एमएसएमई सेक्टर पर पड़ेगा। छोटे उद्योगों में 50-100 श्रमिक काम करते हैं यदि इकाईयां बंद होती हैं तो इसका श्रमिकों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

बताया जा रहा है कि डीजल जनरेटर का संचालन बंद होने से सबसे बड़ा असर उद्योगों के अलावा हाईराइज सोसाइटियों, मॉल और अस्पतालों पर पड़ेगा। सोसाइटियों में डीजल जनरेटर का इस्तेमाल पावर बैकअप के लिए किया जाता है। करीब 90 प्रतिशत बिल्डिंग में डीजी सेट कन्वर्ट नहीं कराए गए हैं।
किस तरह के उपकरण चलाए जा सकते है
ग्रेप सिस्टम लागू होते ही AQI 300 से अधिक होने पर CNG, PNG और LPG जनरेटर के संचालन पर छूट रहेगी। साथ ही ऐसे जनरेटर जिनमें र्रिटोफिट इमर्शन कंट्रोल डिवाइस (आरईसीडी) और ड्यूल फ्यूल किट लगी है, उन्हें चलाने पर छूट रहेगी। दोनों डिवाइस के लगने से डीजल इंजन से प्रदूषण 90 प्रतिशत कम हो जाता है।
AQI 300 से अधिक होने पर डीजल जनरेटर पर रोक रहेगी। सोसाइटी में सिर्फ लिफ्ट चलाने के लिए 24 घंटे में सिर्फ 2 घंटे डीजल जनरेटर चलाने की छूट होगी। दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर लगे हैं अभी तक उद्यमी जनरेटर को सीएनजी और पीएनजी में परिवर्तित नहीं कर सके हैं। ऐसे में उद्योगों पर ग्रेप का काफी असर देखने को मिलेगा।
किन-किन बातों का रखना होगा ध्यान
ग्रेप लागू होने के बाद कूड़ा जलाने पर पूरी तरीके से रोक रहेगी और कूड़ा जलाने वाले पर जुर्माना लगाया जाएगा। निर्माण सामग्री को ढक कर रखना होगा। सड़कों को नियमित रूप से मशीन से सफाई कर पानी का छिड़काव करना होगा। निमार्णाधीन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगानी होगी। एक्यूआई 400 के ऊपर पहुंचने पर निर्माण और ध्वस्तीकरण का काम बंद कर दिया जाएगा।
इसके साथ साथ होटल व ढाबों में तंदूर, लकड़ी व कोयले का उपयोग इंधन के रूप में करने पर पाबंदी होगी। अस्पताल में से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करना होगा।
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