सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Noida News: नोएडा पुलिस ने छात्र-छात्राओं और कंपनियों के कर्मचारियों को गांजा और चरस (Ganja and Charas) सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में बीबीए कर चुकी छात्रा समेत 4 तस्करों को गिरफ्तार किया है। वे ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी के लिफाफे (Envelopes) में मादक पदार्थ पहुंचाते थे।
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ग्रेटर नोएडा जोन के एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि आरोपियों (Accused) के पास से 20 किलो गांजा, 400 ग्राम चरस, 148 लिफाफे, 41 पैकिंग पॉलीथिन, एक इलेक्ट्रॉनिक तराजू, 4 मोबाइल, एक कार और एक बाइक बरामद की है। पुलिस ने सोमवार रात नट की मढैया गोल चक्कर के पास मुखबिर की सूचना पर एक कार और एक बाइक सवार की जांच की। जांच में पता चला कि कार में गांजा और चरस रखी है।
पुलिस ने कार सवार युवकों से पूछताछ की तो पता चला कि वह गांजा और चरस की स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और कंपनियों के कर्मचारियों (Employees) को सप्लाई करते हैं। पुलिस से बचने के लिए वह गांजा और चरस की सप्लाई में फ्लिपकार्ट के लिफाफे का इस्तेमाल करते थे।
आपको बता दें कि पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि बरामद मादक पदार्थ उन्हें 2 निजी विश्वविद्यालय (University) के छात्र-छात्राओं और कंपनी के कर्मचारियों को सप्लाई करते थे। आरोपियों की पहचान चिंटू ठाकुर और बिंटू ठाकुर निवासी बहढनपुर, डिबाई, बुलंदशहर, जयप्रकाश निवासी जगदरा बलिया और वर्षा निवासी नरसेना बुलंदशहर के रूप में हुई है।
विदेश-जाना चाहती थी आरोपी युवती
पुलिस की छानबीन में पता चला है कि रिंकू उर्फ सेठ गिरोह का लीडर (Gang Leader) है। उसके इशारे पर यह अवैध नशे का काला कारोबार किया जा रहा था। पुलिस सरगना की तलाश में जुटी है। पकड़े गए दोनों सगे भाई और वर्षा पूर्व में बुलंदशहर और नोएडा से नशे की सप्लाई करने के आरोप में जेल जा चुके हैं। और पकड़े गए दोनों सगे भाई
चिंटू और बिंटू के मामा की लड़की वर्षा है। बीबीए (BBA) की पढ़ाई करने के बाद वर्षा नौकरी के लिए विदेश जाना चाहती थी, लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके लिए उसे धन की जरूरत थी।
वॉट्सऐप कॉल के माध्यम से होती थी बात
ग्रेटर नोएडा के एसीपी रामकृष्ण तिवारी (Ramakrishna Tiwari) ने बताया कि चिंटू और बिंटू दोनों सगे भाई हैं। वे वॉट्सऐप कॉल करके छात्र-छात्राओं और कंपनी कर्मियों तक गांजा और चरस पहुंचाने का काम करते थे। वॉट्सऐप कॉल के माध्यम से वह गिरोह के लीडर से जुड़ते थे। इसके बाद गिरोह में शामिल वर्षा और जयप्रकाश को कॉन्फ्रेंस पर लेकर नशे का सामान पहुंचाने का पता बताते थे। वर्षा और जयप्रकाश द्वारा कार और बाइक के माध्यम से दिए गए पते पर सामान सप्लाई किया जाता था।
शिलांग के गांजे की मांग
पुलिस पूछताछ में पता चला है पकड़े गए तस्करों (Smugglers) द्वारा सप्लाई किए जाने वाला गांजा शिलांग से आता था। पकड़े गए आरोपी ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में शिलांग के गांजे की सबसे अधिक मांग है। इसे ऑर्गेनिक गांजे के रूप में जाना जाता है। इसे यहां काफी महंगे दाम में बेचा जाता है। शिलांग से 40 से 50 हजार रुपये में गांजे को खरीद कर यहां एक से डेढ़ लाख रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बेचा जा रहा था।