Noida: नोएडा में रहने वाले हजारों मकान मालिकों को बड़ा झटका लगा है।
Noida News: नोएडा में रहने वाले हजारों मकान मालिकों (Homeowners) को बड़ा झटका लगा है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए धारा 10 के तहत शहर के करीब 3500 मकान मालिकों को नोटिस जारी किया है। इस कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। नोटिस (Notice) में मकान मालिकों को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने पर उनके आवंटन रद्द किए जा सकते हैं। पढ़िए पूरी खबर…

अतिक्रमण नहीं हटाया तो रद्द हो सकता है प्लॉट आवंटन
नोएडा (Noida) के अधिकांश सेक्टरों में मकानों के बाहर या अंदर अतिरिक्त निर्माण के जरिए अतिक्रमण की समस्या देखी गई है। नोएडा प्राधिकरण ने इसे गंभीरता से लेते हुए धारा 10 के तहत 3500 मकान मालिकों को नोटिस भेजा है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि अतिक्रमण नहीं हटाने की स्थिति में मकान का आवंटन रद्द किया जा सकता है। इस कार्रवाई ने निवासियों में चिंता बढ़ा दी है, और कई लोग इसे लेकर प्राधिकरण से जवाब मांग रहे हैं।

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फोनरवा ने की कमेटी गठित करने की मांग
मंगलवार को फोनरवा का एक प्रतिनिधिमंडल नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ कृष्णा करुणेश से मिला। फोनरवा के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक विशेष कमेटी गठित करने की मांग की। साथ ही, धारा 10 के तहत की जा रही कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया गया। प्रतिनिधिमंडल में प्रदीप वोहरा, राजेश सिंह, पवन यादव, कोशिंदर यादव सहित अन्य सदस्य शामिल थे। उन्होंने इस मुद्दे पर निवासियों की परेशानियों को प्राधिकरण के सामने रखा।
कृष्णा करुणेश ने दिया आश्वासन
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करुणेश ने आश्वासन दिया कि जल्द ही एक समिति का गठन कर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 3,500 से अधिक निवासियों को धारा-10 के तहत नोटिस भेजे जा चुके हैं और उनके जवाबों व सुझावों पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा।
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डीडीए की तर्ज पर जुर्माना लेकर निर्माण नियमित करने का सुझाव
फोनरवा के महासचिव केके जैन ने सुझाव दिया कि नोएडा प्राधिकरण को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और अन्य राज्य आवास बोर्डों की नीति अपनानी चाहिए। इन प्राधिकरणों ने पहले अनधिकृत निर्माण को निर्धारित जुर्माना और शुल्क लेकर नियमित करने की प्रक्रिया अपनाई है। जैन ने कहा कि ऐसी नीति से नोएडा के निवासियों को राहत मिलेगी और अतिक्रमण के मामले को सुलझाने में मदद मिलेगी। इस संबंध में फोनरवा ने एसीईओ को एक पत्र भी सौंपा, जिसमें उनकी मांगों को विस्तार से बताया गया।

