News Nation: एक हैं तो सेफ हैं, का नारा भले ही राजनीतिक फायदे के लिए दिया जा रहा हो, लेकिन एक साथ रहकर बड़ी से बड़ी लड़ाई भी कैसे जीती जा सकती है। न्यूज़ नेशन के कुछ पूर्व कर्मचारियों की एकजुटता ने फिर सही साबित कर दिया है. बिना किसी धरना-प्रदर्शन, शोर-शराबे के सिर्फ कानून पर भरोसा रखकर जो लड़ाई न्यूज़ नेशन से निकाले गए लोगों में से करीब 50 लोगों ने शुरू की थी, अंजाम तक पहुंचती दिख रही है।

तमाम पावर, तमाम कनेक्शन के बावजूद न्यूज़ नेशन प्रबंधन को पहला बड़ा झटका लेबर कमिश्नर ऑफिस से लग चुका है। एक झटके में करीब 300 कर्मचारियों को बिना किसी वाजिब मुआवजे के एक साथ नौकरी से निकालकर प्रबंधन टीम और उनके सिपहसालार अपनी पीठ थपथपा रहे थे, लेकिन कहते हैंना अगर कोई लड़ाई एकजुटता से, एक शिद्दत से लड़ी जाए तो जीत होती ही होती है. डिप्टी लेबर कमिश्नर ने न्यूज़ नेशन प्रबंधन पर सख्त प्रावधानों के तहत करीब एक करोड़ 35 लाख की रिकवरी की नोटिस जारी कर दी है।

हालांकि अभी ये सिर्फ नोटिस है, मैनेजमेंट के पास अभी दूसरे कानूनी विकल्प हैं, लेकिन पहले ही स्टेज पर मुंह की खाने के बाद अगर न्यूज़ नेशन प्रबंधन में तनिक भी शर्म और आत्मसम्मान होगा तो हाईकोर्ट की जाने की कोशिश नहीं करेंगे. प्रबंधन भी ये जानता है कि वे जीत नहीं सकते, आप कितने भी शक्तिशाली हों, लेकिन कानून अगर अपने पर आ गया तो बड़े बड़े शक्तिशाली लोगों को घुटने पर ला देता है. डिप्टी लेबर कमिश्नर इस मामले में न्यूज़ नेशन के दबाव में नहीं आया, तमाम दबावों के
बावजूद कानून की ताकत का इ्स्तेमाल कर ये बता दिया कि अगर हर सरकारी विभाग अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वाह करे तो न्यूज़ नेशन के लोगों के साथ जो कुछ हुआ, आगे से कोई भी ऐसा करने से पहले 100 बार सोचेगा. कानून का डंडा जब चलता है तो बड़े बड़े घुटनों के बल आ जाते हैं, न्यूज़ नेशन के प्रबंधन भले ही अभी अपने पैसे और पावर के बल पर कर्मचारियों को उनका हक नहीं दे रहा है, लेकिन आज नहीं तो कल देना ही होगा।
न्यूज़ नेशन के प्रबंधन के पास अब भले ही अपर कोर्ट का विकल्प बाकी है, लेकिन ये बात समझ लेनी होगी कि कर्मचारियों की एकजुटता उनकी अकड़ पर भारी पड़ेगी, अभी तो ये शुरुआत है, अभी आगे देखिए क्या क्या और होता है.
Disclaimer: ख़बरी मीडिया को भेजे गए पत्र पर आधारित।

