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Punjab में प्रवासी पक्षियों की कम संख्या पर सांसद सतनाम सिंह ने उठाया मुद्दा

पंजाब
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संसद में वेटलैंड्स के संरक्षण को लेकर ध्यान देने की मांग

Punjab: पंजाब में प्रवासी पक्षियों की कम संख्या पर सांसद सतनाम सिंह (MP Satnam Singh) ने मुद्दा उठाया है। बता दें कि गुरुवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उन्होंने पंजाब में वेटलैंड्स (Wetlands) के संरक्षण को सुनिश्चित करने की मांग की। सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा-पंजाब की पारिस्थितिकी धन्य है कि यहां कई प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds) और वन जीवन के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र और प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए पंजाब में वेटलैंड्स का संरक्षण बहुत अहम है। पढ़िए पूरी खबर…
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उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी पक्षी (International Migratory Birds) हमारे पास मौजूद समृद्ध संसाधनों के चलते भारत को चुनते हैं। पंजाब में सात वेटलैंड्स हैं, जिनमें से 5 संरक्षित हैं जिन्हें रामसर स्थलों के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। उनके क्षरण के कारण राज्य में सालाना आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या में गिरावट आई है। हमें राज्य में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए उन वेटलैंड्स को संरक्षित करने पर तेजी से काम करने की जरूरत है।

जानिए प्रवासी पक्षियों की संख्या कैसे घटती गई?

सांसद सतनाम सिंह संधू (Satnam Singh Sandhu) ने कहा कि “सैंडपाइपर, प्लोवर, गल्स, टर्न, यूरेशियन कूट, गेडवाल, कॉमन पोचार्ड, यूरेशियन विगॉन, रूडी शेल्डक, कॉमन टील, स्पूनबिल और पेंटेड स्टॉर्कआदि प्रवासी पक्षियों की कुछ दुर्लभ प्रजातियां हैं जो हर साल पंजाब के वेटलैंड्स में आती हैं। उन्होंने ये भी बताया कि 2021-22 में पंजाब के रामसर स्थलों पर आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या 95,928 थी, जो 2022-23 में घटकर 85,882 रह गई है।

सांसद ने कहा कि आमतौर पर प्रवासी पक्षियों का सबसे बड़ा हिस्सा हरिके वेटलैंड्स में आता है। साल 2023 में विभिन्न देशों से 65 हजार से अधिक प्रवासी पक्षी आए, जो 2021 में आए पक्षियों की संख्या से करीब 12 प्रतिशत कम थे।

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प्रदूषण मुक्त करना समय की जरूरत: सांसद संधू

राज्यसभा सांसद ने इस दौरान वेटलैंड्स (Wetlands) के संरक्षण के अलावा उद्योगों के रासायनिक कचरों की वजह से पंजाब में जल निकायों की स्थितियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लुधियाना में बुड्ढा नाला में प्रदूषण के उच्च स्तर को रोकने के लिए कदम उठाना और बुड्ढा नाला को प्रदूषण मुक्त करना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें डेयरी और रंगाई उद्योग से निकलने वाले अपशिष्टों को सीधे बुड्ढा नाला में प्रवाहित करने की समस्या से निपटने की जरूरत है।

खराब जल निकायों से जन जीवन प्रभावित

उन्होंने कहा कि ये अपशिष्ट राज्य में इंसानों और पशुओं को सीधे प्रभावित करते हैं। राज्य में जल निकायों की ऐसी हालत की वजह से प्रवासी पक्षियों की संख्या में काफी कमी आ रही है। सांसद सतनाम सिंह संधू (Satnam Singh Sandhu) ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृतोत्सव के अवसर पर पंजाब के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया। इन अमृत सरोवरों के निर्माण से प्रवासी पक्षियों को जीवित रहने के लिए अनुकूल आवास मिलेगा।