मेरठ की रेवड़ी और गजक की दिल्ली में है धूम, मात्र 4 महीने के लिए ही खुलती है दुकान

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बात करें उत्तर भारत की तो यहां सर्दी का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में सर्दियों के मौसम में फिट और स्वस्थ रहने के लिए लोग अलग अलग नुस्खों को अजमाते नजर आते हैं। वहीं, इस मौसम में गजक और रेवड़ी की डिमांड भी डबल हो जाती है। आप भी दिल्ली या इसके आस पास रहते हैं और गजक और रेवड़ी खाना पसंद करते हैं तो आज हम आपको ऐसी दुकान के बारे में बताएंगे, जो केवल सर्दियों के इन चार महीनों में ही खुलती है।

इस दुकान का नाम सूबेदार असली मेरठ वाले के नाम से काफी ज्यादा प्रचलित है। इस दुकान के मालिक राहुल गुप्ता ने बताया कि केवल सर्दियों के मौसम में चार महीने के लिए दिल्ली के लाला बाजार में मेरठ में आते हैं। उन्होंने बातचीत के दौरान ये भी बताया कि वे अपने सभी कारीगरों को भी साथ में लाते हैं। यहां हर साल नवरात्रि के समय आते हैं और होली के 5 दिन पहले दुकान को बंद करके वापस मेरठ चले जाते हैं।

pic: social media

कितने की मिलती है यहां रेवड़ी अथवा गजक

दुकानदार ने बताया कि गजक और रेवड़ी के अलावा तिल के पापड़, कचूर की बर्फी, चिक्की, काजू रोल,मूंगफली की चिक्की सहित अन्य चीजें मिलती हैं। यहां आपको कई वैरायटी की चीजें मिल जाएंगी। गजक और रेवड़ी की बात करें तो 300 रुपए किलो से लेकर 600- 700 रुपए किलो के बीच आपको ये मिल जाएगी।

बैंगलोर तक में रहती है भारी डिमांड

यहां पर गजक लेने आई महिला ने बातचीत के दौरान बताया कि वो यहां कई सालों से गजक और रेवड़ी लेने आ रही हैं। उनकी छोटी बहन जो कि बंगलौर में रहती हैं वो भी हर साल सर्दियों के मौसम में जब भी आती हैं तो यहां से गजक जरूर लेकर जाती हैं। साथ ही एक विधुर नाम के व्यक्ति ने बताया कि वो यहां करीब 15 सालों से गजक और रेवड़ी खाने के लिए आ रहे हैं।

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