Mahakumbh 2025: ममता कुलकर्णी को बड़ा झटका, पढ़िए पूरी खबर
Mahakumbh 2025: बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा रहीं ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhara) के महामंडलेश्वर पद से हटाया गया है। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से भी आचार्य महामंडलेश्वर का पद छीन लिया गया है। दोनों को अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है। बता दें कि लक्ष्मी त्रिपाठी ने ही ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास का ने बड़ा निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि सिर न मुंडाने पर ऐक्शन लिया गया है।
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ऋषि अजय दास (Rishi Ajay Das) ने जानकारी दी कि बहुत ही जल्द नए आचार्य महामंडलेश्वर का ऐलान होगा।
ऋषि अजय दास के मुताबिक आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Mahamandaleshwar Lakshmi Narayan Tripathi) और कथित ने असंवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म और देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जो कि फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई हैं, उसे बिना किसी धार्मिक और अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि और पट्टा अभिषेक किया गया। उन्होंने कहा कि जिस वजह से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित में सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद से मुक्त करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि ममता कुलकर्णी ने बीते 24 जनवरी को प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की थी। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां ने कहा कि ममता कुलकर्णी ने गंगा में डुबकी लगाई और गंगा के तट पर अपना पिंडदान किया। उनके अनुसार शाम लगभग आठ बजे किन्नर अखाड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महामंडलेश्वर के रूप में उनका पट्टाभिषेक हुआ। उन्होंने आगे जानकारी दी कि इस कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और दूसरे किन्नर महामंडलेश्वरों की उपस्थिति में सबसे पहले पांच महामंडलेश्वरों- गिरनारी नंद गिरि, राजेश्वरी नंद गिरि, विद्या नंद गिरि, कृष्णानंद गिरि और नीलम नंद गिरि का पट्टाभिषेक किया गया।
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पट्टाभिषेक के बाद लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ऐलान की कि ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा की महिला शाखा में महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें नया नाम यमाई ममता नंद गिरि दिया गया। पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी ने कहा कि उन्होंने कुपोली आश्रम में जूना अखाड़ा के चैतन्य गगन गिरि महाराज से 23 साल पूर्व दीक्षा ली थी और वह 2 साल से लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में हैं। उन्होंने आगे कहा था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मेरी 23 साल की तपस्या को समझा और स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने मेरी परीक्षा ली जिसमें मैं सफल हुई। मुझे नहीं पता था कि पिछले तीन दिनों से मेरी परीक्षा ली जा रही है। मुझे कल ही महामंडलेश्वर बनाने का न्यौता मिला।
धीरेंद्र शास्त्री ने भी किया था विरोध
आपको बता दें कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी संत या महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है? पदवी उसी को दी जानी चाहिए जिसके अंदर संत या साध्वी के भाव हो। व्यंग करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा कि हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए।

