Jharkhand सरकार ने मनरेगा के तहत लीची की खेती के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।
Jharkhand News: झारखंड सरकार ने ग्रामीण स्वावलंबन को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा (MANREGA) के तहत लीची की खेती (Litchi Cultivation) के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) शुरू किया है। इस पहल के तहत लातेहार, सिमडेगा और संथाल परगना की कई पंचायतों में बागवानी का काम शुरू हो गया है। पढ़िए पूरी खबर…

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सरकार ने पौधारोपण के लिए गड्ढे तैयार किए हैं और इनमें आवश्यक खाद डाली जा चुकी है, जिससे प्रारंभिक तैयारी पूरी हो चुकी है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय इस योजना में परामर्शी की भूमिका निभा रहा है, जबकि उत्तम गुणवत्ता के पौधों के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन से संपर्क किया गया है। अगले 15 दिनों में पौधरोपण शुरू हो जाएगा।
336 पंचायतों में 110 एकड़ पर बागवानी
इस पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के लिए राज्य सरकार ने 10 जिलों के दो दर्जन से अधिक प्रखंडों की 336 पंचायतों का चयन किया है। इन पंचायतों में 110 एकड़ जमीन को लीची की बागवानी के लिए चिह्नित किया गया है। मनरेगा आयुक्त मृत्युंजय वर्णवाल ने बताया कि इस योजना को व्यावसायिक रूप देने की पूरी तैयारी है। प्रोजेक्ट की सफलता के बाद सभी चयनित पंचायतों में बागवानी का विस्तार किया जाएगा।
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आम की तरह लीची में भी आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) इस योजना को उसी तर्ज पर लागू करना चाहता है, जैसे आम की खेती के लिए किया गया था। झारखंड अब आम के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है। इसके बाद तरबूज और अब लीची की खेती को बढ़ावा देकर सरकार ग्रामीण किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। झारखंड देश का एकमात्र राज्य है, जो मनरेगा के तहत पौधारोपण के बाद पांच साल तक पौधों की देखभाल का खर्च वहन करता है।
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रांची से शुरुआत, अन्य जिलों में विस्तार की योजना
पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत रांची की कई पंचायतों में लीची की बागवानी शुरू हो चुकी है। मनरेगा आयुक्त मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि इसकी सफलता के बाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी यह काम शुरू किया जाएगा। यह पहल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि किसानों को नई आय के स्रोत भी प्रदान करेगी।

