Holika Dahan 2024: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, मंत्र, पूजा विधि और महत्व जानिए

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होलिका दहन ( Holika Dahan) फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित प्रदोष काल मुहूर्त में मनाए जाने का विधि विधान है। लेकिन जब भद्रा लगी हुई होती है तो होलिका दहन नहीं करते हैं। ऐसे में साल 2024 में होलिका दहन की सही तारीख क्या है? होलिका दहन रविवार को है या सोमवार को? होलिका दहन को लेकर लोगों के मन में संशय की स्थिति बनी हुई है।

दरअसल, हिंदू पर्व और त्योहार उदयातिथि के आधार पर मनाए जाते हैं, लेकिन ये नियम सभी पर समान रूप से लागू नहीं होता है। कई बार उचित तिथि में मुहूर्त के आधार पर व्रत और त्योहार की तिथियों का निर्धारण किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि होलिका दहन आखिरकार किस दिन है? इसका शुभ मूहर्त से विधि विधान और महत्व के बारे में सब कुछ जानिए।

होलिका दहन 2024 रविवार या सोमवार को?

होलिका दहन के लिए आवश्यक फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च रविवार को दिन में 09:23 बजे के बाद से लग रही है। साथ ही 25मार्च सोमवार को दिन में 11:31 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च की होगी। लेकिन उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 09:23 बजे के बाद खत्म भी हो जाएगी, ऐसे में होलिका दहन ( Holika Dahan) रविवार 24 मार्च को मानना ही शुभ होगा।

होलिका दहन 2024 का शुभ मुहूर्त

24 मार्च रविवार को रात्रि में 10:28 बजे भद्रा समाप्त हो जा रही है, उसके बाद ही आप होलिका दहन मना सकते हैं। ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त रात्रि 10:28 पीएम के बाद से है।

होली दहन की सही विधि विधान

होलिका दहन वाले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश स्थापित करें। उसके बाद पंच देवताओं की पूजा अर्चना करें।

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उसके बाद होलिका का मंत्र का जाप ( ॐ होलिकाये नमः मंत्र) जाप करते हुए पूजन करें। इसके बाद भक्त प्रह्लाद और भगवान हिरणकश्यप की भी स्थापना करें। उसके बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा करें और उसमें कच्चे सूत को लपेट दें।

फिर नारियल, जल और अन्य पूजन सामग्री होलिका को अर्पित करें। उसके बाद ही होलिका दहन करें। वहीं, धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, होली की अग्नि में गेंहू की बालियां सेंककर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है।