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Jharkhand सरकार का बड़ा फैसला, पर्यटन स्थलों पर बढ़ेंगी नागरिक सुविधाएं

झारखंड राजनीति
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Jharkhand News: झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेमंत सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है।

Jharkhand News: झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेमंत सरकार (Hemant Government) ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य की प्राकृतिक खूबसूरती हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती है, लेकिन सुविधाओं की कमी उनकी खुशी को अधूरा कर देती थी। अब पहली बार बड़े पर्यटन स्थलों पर नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने प्राधिकरण बनाने का निर्णय लिया है।

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कैबिनेट ने दी संशोधन विधेयक को मंजूरी

बता दें कि 2 सितंबर 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दी गई। यह विधेयक अगले सत्र में सदन में पेश किया जाएगा। ग्रेड-ए पर्यटन स्थलों जैसे नेतरहाट, रजरप्पा, पतरातू और मधुबन पर अब बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

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शहरी निकाय के बाहर की व्यवस्था बदलेगी

अब तक शहरी स्थानीय निकाय (ULB) की अनुपस्थिति में कई बड़े पर्यटन स्थलों पर कचरा प्रबंधन, स्ट्रीट लाइटिंग और अतिक्रमण हटाने जैसी बुनियादी सेवाओं का प्रबंधन मुश्किल हो जाता था। नए प्राधिकरण के गठन से यह समस्या दूर होगी। ग्रामीण प्रखंड क्षेत्रों में आने वाले इन स्थलों पर स्थानीय स्तर पर सीधे व्यवस्था खड़ी की जाएगी, जिससे मॉनिटरिंग और सेवा प्रबंधन आसान होगा।

अधिकारियों की होगी जवाबदेही

नेतरहाट जैसे स्थल पर रोजाना हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। यहां होटल और ठहराव की व्यवस्था तो है, लेकिन कचरा और अव्यवस्था बड़ी चुनौती बनी रहती है। अब प्रस्तावित प्राधिकरण के गठन के बाद अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। इससे न सिर्फ पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि राज्य के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

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कैसा होगा प्राधिकरण का स्वरूप?

बता दें कि फिलहाल प्राधिकरण का पूरा स्वरूप स्पष्ट नहीं है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इसका नेतृत्व जिले के उपायुक्त करेंगे और उनके अधीन एक डेडिकेटेड टीम कार्य करेगी। इस प्राधिकरण को झारखंड नगरपालिका अधिनियम, 2011 के तहत कुछ अधिकार भी दिए जाएंगे, जिनमें सेवाओं के बदले कर लगाने और अतिक्रमण हटाने की शक्ति शामिल होगी।