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Jharkhand: शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म में उमड़ा जनसैलाब, लाखों लोगों ने दी श्रद्धांजलि

झारखंड राजनीति
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मुख्यमंत्री हेमंत ने सभी का जताया आभार

Jharkhand News: झारखंड के नेमरा गांव में शनिवार को दिशोम गुरु शिबू सोरेन (Shibu Soren) के संस्कार भोज में लाखों लोग अपने महानायक को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस भावपूर्ण अवसर पर लोगों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और उनके झारखंड आंदोलन व आदिवासी अधिकारों के लिए किए गए अद्वितीय योगदान को याद किया। सीएम हेमंत सोरेन ने इस आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

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हेमंत सोरेन का भावुक संदेश- बाबा की यादें अमर

सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने संस्कार भोज में शामिल होने के लिए राज्य के कोने-कोने से आए लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जब शिबू सोरेन दिल्ली के एक अस्पताल में जिंदगी के लिए जूझ रहे थे, तब झारखंड की जनता ने उनके परिवार को जो संबल दिया, उसे वे कभी नहीं भूल सकते। सीएम हेमंत ने कहा, ‘लाखों लोगों का अंत्येष्टि और संस्कार भोज में शामिल होना हमें इस दुख की घड़ी में आत्मबल देता है। बाबा भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शिक्षाएं और झारखंड के लिए उनका समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा।’

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इन दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि, साझा किए संस्मरण

संस्कार भोज में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, योग गुरु बाबा रामदेव, रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री और कई प्रबुद्धजन शामिल हुए। सभी ने शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘शिबू सोरेन की सादगी और जनता से जुड़ाव मुझे हमेशा प्रभावित करता था। वे न केवल आदिवासियों के नेता थे, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा थे।’ नेताओं ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए उनके झारखंड हित के प्रति समर्पण की सराहना की।

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संघर्ष और आदिवासी चेतना के प्रतीक

लोगों ने शिबू सोरेन को एक ऐसे नेता के रूप में याद किया, जिन्होंने शोषण और अत्याचार के खिलाफ उलगुलान को अपनी पहचान बनाया। झारखंड अलग राज्य के आंदोलन के अग्रदूत रहे शिबू सोरेन का जीवन संघर्षों से भरा था, फिर भी उन्होंने इसे अपनी ताकत बनाया। लोगों ने कहा, ‘वे त्याग, संघर्ष और आदिवासी चेतना के प्रतीक थे। झारखंड का गठन उनकी मेहनत का परिणाम है। उनके आदर्शों को अपनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’

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प्रशासनिक व्यवस्था रही सराहनीय

संस्कार भोज के लिए नेमरा में प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की थी। भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा, और पार्किंग के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। ऑटो की सुविधा से लोगों को आने-जाने में सहूलियत हुई। माइक के जरिए लगातार जानकारी दी जा रही थी, और जवान हर समय मुस्तैद रहे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे, जिससे लाखों की भीड़ के बावजूद किसी को असुविधा नहीं हुई। सभी आगंतुक शिबू सोरेन की यादों को संजोकर लौटे।