Jharkhand News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने रजरप्पा स्थित दामोदर नदी में अपने पिता और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अस्थियां पूरे पारंपरिक विधि-विधान के साथ विसर्जित कीं। इस दौरान सीएम अपनी पत्नी कल्पना सोरेन, भाई बसंत सोरेन, परिजनों और ग्रामीणों के साथ रजरप्पा पहुंचे। अश्रुपूर्ण नेत्रों से अस्थियां विसर्जित करते हुए उन्होंने अपने पिता को अंतिम जोहार अर्पित किया।

पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ अस्थि विसर्जन
रामगढ़ जिले के नेमरा गांव से अस्थि कलश लेकर मुख्यमंत्री और उनका परिवार रजरप्पा पहुंचा। वहां दामोदर नदी के घाट पर संताली रीति-रिवाज के अनुसार पाहन ने सभी विधान संपन्न कराए। अस्थियों की पूजा के बाद पिंडदान किया गया और शिबू सोरेन की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस दौरान सीएम की आंखों में अपने पिता को खोने की पीड़ा साफ दिखाई दी। अस्थि विसर्जन के बाद हेमंत सोरेन ने रजरप्पा मंदिर में मां छिन्नमस्तिका की पूजा-अर्चना भी की।
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रक्षा सूत्र और दान-पुण्य
अस्थि विसर्जन के बाद मुख्यमंत्री ने मंदिर में नारियल की बलि दी और रक्षा सूत्र बंधवाया। उन्होंने मंदिर परिसर में मौजूद जरूरतमंद लोगों के बीच कपड़े, बर्तन, और चप्पल जैसे सामान भी वितरित किए। इस अवसर पर रजरप्पा में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी थी, जिसमें डीसी फैज अक अहमद मुमताज, एसपी अजय कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
शिबू सोरेन को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
अस्थि विसर्जन के बाद सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भावुक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, ‘मां छिन्नमस्तिका सभी का कल्याण करें। अंतिम जोहार बाबा। प्रकृति का प्यारा लाल, प्रकृति में समा गया। प्रकृति का अंश बनकर वह समस्त संथाल परगना और झारखंडवासियों की रक्षा करते रहेंगे। वीर दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन अमर रहें।’ उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता हमेशा उनका मार्गदर्शन करते रहेंगे।
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रजरप्पा में सीएम का बयान
मीडिया से बातचीत में सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन की आत्मा की शांति के लिए वे रजरप्पा मंदिर आए थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता की अंतिम यात्रा और अंतिम पड़ाव में पूरे परिवार, ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने साथ दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने पिता के योगदान को याद करते हुए उनके झारखंड के लिए किए गए कार्यों को अमर बताया।

