ISRO का नया कीर्तिमान..अब सूरज पर भी कदम!

उत्तरप्रदेश दिल्ली NCR
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उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Aditya-L1: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद अब सूरज की ओर कदम बढा दिया है। ISRO ने आज अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च कर दिया है। श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग पैड से आज 11: 50 बजे आदित्य एल-1 ने अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ। लॉन्चिंग के ठीक 125 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा। इसके बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा।

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16 दिनों तक धरती का चक्कर लगाएगा आदित्य-L1
आदित्य-L1 16 दिनों तक धरती का चक्कल लगाएगा। इस दौरान पांच कक्षा से होते हुए गुजरेगा, ताकि सही स्पीड मिल सके। इसके बाद आदित्य-L1 का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन होगा। यहां से सूर्ययान की 109 दिन की यात्रा शुरू होगी। इसके बाद आदित्य-L1 एक ऑर्बिट मैन्यूवर में पहुंचेगा।
सौर वायुमंडल में ये काम करेगा आदित्य-L1
आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इसे लॉन्च करके भारत सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना चाहता है। आदित्य- L1 सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा। सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की स्टडी करेगा। सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा।
15 लाख किलोमीटर दूर आखिर क्या और कैसे अध्ययन करेगा आदित्य-एल1?
ISRO ने भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-L1 लांच कर दिया। लेकिन अब यह सवाल उठता है कि 15 लाख किलोमीटर दूर क्या और कैसे अध्ययन करेगा आदित्य-एल1, आइए विस्तार से जानते हैं।
इसरो के मुताबिक, आदित्य-L1 सूर्य की अनेक परतों का समझने के लिए सात पेलोड ले जाएगा। अंतरिक्ष यान में लगे ये पेलोड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, पार्टिकल और मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स की मदद से फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना का अध्ययन करेंगे। इसरो के मुताबिक, सात में चार पेलोड सीधे सूर्य का अध्ययन करेंगे और बाकी तीन L1 पर पार्टिकल्स और फील्ड्स का इन-सीटू (यथास्थान) अध्ययन करेंगे। इससे इंटरप्लेनेटरी (अंतरग्रहीय) माध्यम में सौर गतिकी के प्रसार प्रभाव का अहम वैज्ञानिक अध्ययन हो सकेगा।

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इसरो के अनुसार आदित्य-एल1 के पेलोड के जरिये कोरोनल हीटिंग की समस्या, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टिविटीज (गतिवधियां) और उनकी विशेषताएं, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता, कण और क्षेत्रों के प्रसार आदि को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।
Aditya-L1 की सफलता के लिए किए गए हवन
देशभर में सूर्य मिशन Aditya-L1 को लेकर लोगों में उत्साह है। सूर्ययान की सफलता के लिए कांदिवली के मिथिला हनुमान मंदिर में हवन किया गया। वहीं, वाराणसी में भी मिशन की सफलता की कामना के लिए हवन हुआ। देवभूमि उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में ऐसा नजारा देखने को मिला।
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