Income Tax: ऐसे टैक्सपेयर्स को होगी 7 साल की जेल, 25 लाख का जुर्माना भरेंगे

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Income Tax: अगर आप भी एक टैक्सपेयर्स हैं तो यह खास ख़बर आपके ही लिए है। अक्सर आयकर रिटर्न भरते समय बहुत से लोग टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं, हालांकि यह कोशिश उनपर भारी पड़ जाती है। टैक्स जमा करने के दौरान आपको बहुत सारी बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि आपकी एक छोटी सी गलती आपको काफी मुसीबत में डाल सकती है। इनकम टैक्स के नियमों को न मानने पर आपके खिलाफ विभाग बड़ी कार्रवाई कर सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर कोई टैक्सपेयर गलत आईटीआर भरने को कोशिश करता है तो उसे 7 साल की जेल और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी है।

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टैक्स चोरी और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार और इनकम टैक्स विभाग ने बहुत सारे नियम बनाए हैं। इनमें टैक्स चोरी के मामलों में कार्रवाई से लेकर संदिग्‍ध करदाताओं की आय के स्रोतों की जांच तक शामिल है।
केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT ने इसके साथ ही वेतनभोगी टैक्सपेयर्स को भी चेतावनी दी है कि वे आय को कम दिखाकर और कर छूट के दावों को बढ़ा-चढ़ा कर गलत आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करें। ऐसा करने पर इनकम टैक्स विभाग न सिर्फ उन पर जुर्माना लगाएगा बल्कि आयकर अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही भी करेगा। इस अधिनियम के तहत सजा के अलग-अलग प्रावधान हैं। सजा या जुर्माना गड़बड़ी कैसी है उस पर निर्भर करता है और अगर कर चोरी की है तो उसके लिए अलग सजा है। आइए आईटी नियम के प्रावधानों पर नजर डालते हैं।

आयकर विभाग के अनुसार अगर कोई वेतनभोगी कर्मचारी किसी सीए या कर सलाहकार की गलत सलाह पर रिटर्न में गलत दावा करता है तो इसे कर चोरी के अन्तर्गत ही माना जाएगा। इस मामले में न सिर्फ उस पर कार्रवाई होगी बल्कि वह सीए या कर सलाहकार भी फंसेगा।
साथ ही विभाग अपने स्‍तर पर कर चोरी की जांच करेगा। विभाग के पास इसे चेक करने का बड़ा स्वचालित सिस्टम है, जो आईटीआर की प्रोसेसिंग के काम में आता है। कोई भी कर्मचारी या अधिकारी इसमें हेरफेर नहीं कर सकता।

टैक्स चोरी की भी होती है जांच

सरकारी विभागों या सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के गलत दावों की जानकारी संबंधित सतर्कता विभाग यानी Vigilance को सौंपी जाती है। वह नियमानुसार कार्रवाई करेगा और इसकी जानकारी विभाग को देगा।
इस मामले में सेक्शन 270A के तहत जुर्माना लगेगा। यह प्रावधान हाल में आईटी अधिनियम में दर्ज किया गया है। अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो आय पर टैक्स का 50% हिस्सा जुर्माना लगेगा।

हालांकि, अगर गलत दस्तावेज लगाकर गलत आय बताई गई है तो यह जुर्माना बढ़कर 200% हो जाता है। इसमें सेक्‍शन 276सी के तहत कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों में छह माह से 7 साल तक सजा का प्रावधान है। जुर्माना 25 लाख रुपए तक हो सकता है।

अज्ञात स्रोतों से आय मालूम चलने पर सजा

विभाग के मुताबिक सिर्फ आय बताना काफी नहीं है बल्कि आय के स्रोत की सही सही जानकारी भी देना जरूरी है। आयकर अधिनियिम के सेक्‍शन 271एएसी के तहत आयकर अधिकारी इस मामले में 10 फीसदी की दर से जुर्माना लगा सकता है।
अगर आय कैश क्रेडिट, अघोषित निवेश, अज्ञात धन, निवेश की रकम गलत बताने और खर्चों की सही जानकारी न देने पर भी जुर्माने का प्रावधान है। अगर रिटर्न की प्रोसेसिंग के दौरान पता चला कि टैक्स ऑडिट नहीं करवाया गया तो भी पेनॉल्‍टी लगती है। हालांकि ये सिर्फ व्यापारियों या कंपनियों के लिए है।

रिटर्न फाइल न करने या देरी करने पर यह होगा

अगर इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) नहीं फाइल किया गया तो भी पेनॉल्‍टी लगती है। इसके लिए 5000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। अगर यह पता चलता है कि टीडीएस रिटर्न साल भर के अंदर नहीं फाइल किया गया है तो पेनाल्टी 10 हज़ार से 1 लाख रुपए तक भी लगाई जा सकती है।

अगर किसी व्यक्ति ने पैन कार्ड (PAN card) इनकम टैक्स अकाउंट से नहीं लिंक किया है तो यह भी अपराध की श्रेणी में आता है। अगर पैन कार्ड की जानकारी गलत भरी गई है तो भी ये अपराध है ऐसे में 10 हज़ार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
टैन (टैक्‍स डिडक्‍शन एंड कलेक्‍शन एकाउंट नंबर) के मामले में गड़बड़ी मिलने पर 10 हज़ार रुपए की पेनॉल्‍टी लगती है। अगर इनमें से कोई गलती ज्यादा बड़ी समझ आती है और किसी का जुर्म साबित हो जाता है तो जुर्माने के साथ-साथ उसे जेल भी हो सकती है।