Underwater Metro News: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो (underwater metro) का उद्घाटन किया। यह मेट्रो जमीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे बनी ट्रैक पड़ दौड़ेगी। वर्ष 1984 में देश की पहली मेट्रो ट्रेन (Metro Train) कोलकाता उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (Blue Line) में दौड़ी थी। वहीं 40 साल बाद एक बार फिर यहीं से देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल चलेगी। जो हुगली नदी के दोनों छोर पर बसे 2 शहरों को जोड़ेगी। यह 3.8 किलोमीटर की 2 अंडरग्राउंड टनल तैयार की गई हैं। जानिए पानी के अंदर कैसे चलेगी मेट्रो?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो (Underwater Metro) का उद्घाटन किया। यह मेट्रो हुगली नदी में बनी सुरंग से होकर गुजरेगी। इस मेट्रो के जरिए नदी के दोनों सिरों पर बसे 2 बड़े शहरों हावड़ा और कोलकाता को जोड़ा गया है।
16.6 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा
यह अंडरवॉटर मेट्रो सर्विस कोलकाता मेट्रो (Kolkata Metro) के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन का हिस्सा है, जिसके अनुसार हुगली नदी के नीचे सुरंग से होते हुए 16.6 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। इस मेट्रो लाइन पर 12 स्टेशन हैं, जिसमें से तीन स्टेशन हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन और महाकरण अंडरवाटर होंगे। अंडरवाटर की 520 मीटर की दूरी सिर्फ 45 सेकंड में की जा सकेगी।
मिट्टी के सर्वे में ही 5-6 महीने गुजर गए
इस प्रोजेक्ट की दो सबसे बड़ी चुनौतियां थीं। पहली खुदाई के लिए सही मिट्टी (Soil) का चुनाव और दूसरी TBM की सेफ्टी। कोलकाता में हर 50 मीटर दूरी पर अलग-अलग तरह की मिट्टी मिलती है। टनल के लिए सही जगह पहचानने के लिए मिट्टी के सर्वे में ही 5-6 महीने गुजर गए। फिर 3 से 4 बार सर्वे के बाद तय हुआ कि हावड़ा ब्रिज के पास हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे की मिट्टी में टनल बन सकती है।
इसमें कितने अंडरग्राउंड स्टेशन है?
कुछ अंडरवॉटर मेट्रो रूट ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (Green Line) का हिस्सा हैं। इनमें हावड़ा मैदान से एस्प्लनेड तक 4.8 किमी रूट बनकर तैयार है। इसमें 4 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं- हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण और एस्प्लनेड। हावड़ा स्टेशन जमीन से 30 मीटर नीचे बना है। यह दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन है। अभी पानी के नीचे मेट्रो रूट लंदन और पेरिस में ही बना है।
जानिए मेट्रो टनल की क्या है खासियत?
यह देश की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो (Underground Metro) टनल है, जो हुगली नदी के दोनों छोर पर बसे दो शहरों को जोड़ेगी। यह 3.8 किलोमीटर की 2 अंडरग्राउंड टनल तैयार की गई हैं, जिसमें 520 मीटर का हिस्सा पानी के नीचे है। पानी की सतह में ही वेंटिलेशन (Ventilation) और इवेंटिलेशन (Evacuation) के शाफ्ट भी लगे हैं।
अंडरग्राउंड टनल लगभग 10.8 किलोमीटर लंबी है। इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है। ये सुरंग नदी की सतह से 13 मीटर नीचे हैं। अधिकारियों के अनुसार अंडरवाटर मेट्रो में लोगों को 5G इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी। साथ ही ये भी कहा गया है कि टनल में पानी की एक बूंद भी नहीं आ सकती।
पानी के नीचे कैसे तैयार की गई सुरंग?
पानी के भीतर सुरंग बनाने के लिए कंक्रीट को फ्लाई ऐश और माइक्रो-सिलिका के साथ डिजाइन किया गया है, जो इसे जलरोधी बनाता है। जमीन से 30 मीटर नीचे खुदाई करके हावड़ा मेट्रो स्टेशन तैयार किया गया। इस पूरी परियोजना की लागत लगभग 8,600 करोड़ रुपये है।
कोलकाता मेट्रो (Kolkata Metro) का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर 16.6 किलोमीटर लंबा है। अंडरवाटर ट्रेन सुरंग कोलकाता में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर तक फैली होगी। कोरोना महामारी के दौरान 2 सालों के भीतर इस मेट्रो परियोजना के काम को पूरा किया गया।
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भी उपाय किए गए
इस टनल का इंटर्नल डायमीटर 5.55 मीटर और एक्सटर्नल डायमीटर 6.1 मीटर है. वहीं, ऊपर और नीचे 16.1 मीटर की दूरी है। टनल की अंदरूनी दीवारों को हाई क्वालिटी के M50 ग्रेड सीमेंट से बनाया गया है। हर एक सेगमेंट की मोटाई 275 मिमी है। टनल के अंदर पानी का फ्लो और लीकेज रोकने के लिए भी कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं। इसके लिए सीमेंट में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका को सीमेंट में मिलाया गया है। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भी इस टनल में उपाय किए गए हैं। इस टनल के अंदर 760 मीटर लंबा इमरजेंसी एग्जिट बनाया जा गया है।
कोलकाता में अंडरग्राउंड रेल टनल बनाने के लिए रूस की कंपनी ट्रान्सटनेलस्ट्रॉय के साथ ज्वाइंट वेंचर किया गया। इस कंपनी को ईरान में अंडरवाटर सड़क तैयार करने का अनुभव है। इसी कंपनी ने कोलकाता में अंडरवाटर मेट्रो तैयार करने में मदद की।
हावड़ा को पूर्वी तट पर साल्ट लेक शहर से जोड़ेगी
अंडरवाटर मेट्रो (Underwater Metro) हुगली के पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा को पूर्वी तट पर साल्ट लेक शहर से जोड़ेगी। इसमें 6 स्टेशन होंगे, जिनमें 4 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं। वहीं हावड़ा स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है। कोलकाता मेट्रो का हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन बेहद खास है, क्योंकि इस सेक्शन में ट्रेन पानी के अंदर दौड़ेगी। इस मेट्रो टनल को हुगली नदी के तल से 32 मीटर नीचे बनाया गया है। ये अंडरवाटर मेट्रो टनल हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन के बीच में दौड़ेगी।