Alzheimer’s: Alzheimer एक ऐसी बीमारी होती है जिसके हो जाने पर दिमाग धीरे – धीरे कमजोर होता जाता है। ये डिमेंशिया का एक प्रकार ही है, जो समय के साथ में और गंभीर होना शुरू हो जाता है। हालात यदि खराब हो जाएं तो व्यक्ति अपने आस पास के चीजों के बारे में भी ठीक से याद नहीं रख पाता है। वैसे तो ये पहले बुजुर्गों को ही होती थी, लेकिन आजकल कम उम्र के लोग भी इस बीमारी का शिकार बनते जा रहे हैं।
जानिए क्या कहती है स्टडी
एक स्टडी के अनुसार मानें तो, एक ऐसी हैबिट सामने आई है जिसके कारण Alzheimers का खतरा दो गुना बढ़ सकता है। ये आदत है नाक में उंगली डालने की। स्टडी का ये कहना है कि नाक में उंगली डालने की वजह से कुछ ऐसे पेथोजेन हमारे बॉडी में जा सकते हैं, जिसके कारण Alzheimers का खतरा दो गुना अधिक बढ़ सकता है। इस पेथोजिन के कारण से Alzheimers बीटा प्रोटीन बनना शुरू होता है, जो Alzhrimers के लिए जिम्मेदार फैक्टर्स में से एक होता है।
आखिरकार क्या हो सकती है इसकी वजह
दरअसल, नाम में उंगली डालने से जीव – जंतु और किटाणु आपके नेजल टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिस कारण पेथोजेन ब्रेन में पहुंच सकता है। ओलफैक्ट्री सिस्टम की सहायता से कोई भी कीटाणु दिमाग तक पहुंच सकता है। यही Alzhrimers की बीमारी की शुरुआत होती है। इसके होने पर दिमाग का कमजोर हो जाना, चीजें समझने में दिक्कतें होना, भाषा से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे रख सकते हैं नेजल हाइजीन का ख्याल
- नाक को साफ रखने के लिए सेलाइन स्प्रे का यूज करें। इससे जमा हुई गंदगी आसानी से बाहर निकल जाएगी।
- नाक में उंगली डालने के बदले , किसी साफ टिश्यू से नाक को साफ करें।
- गंदे हाथों से मुंह और हांथों को न छुएं। साथ ही न ही स्प्रे को बिना ढक्कन बंद किए खुले में न छोड़ें।