GST News: देश के करोड़ों लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है।
GST News: देश के करोड़ों लोगों (People) के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। GST काउंसिल जल्द ही लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (Health Insurance Premium) पर टैक्स राहत देने का फैसला ले सकती है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इस प्रस्ताव पर अपनी सिफारिशें सरकार को भेज दी हैं, जिससे अंतिम फैसले की प्रक्रिया तेज हो गई है। फिलहाल, इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत GST लगता है। अप्रैल में बीमा पर गठित मंत्री समूह (GoM) की बैठक होगी, और मई में GST काउंसिल अंतिम फैसला ले सकती है। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Driving License: अब सिर्फ 30 रुपए में घर बैठे बनवाएं ड्राइविंग लाइसेंस

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25
क्या हो सकते हैं बदलाव?
वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत: स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी छूट मिल सकती है।
₹5 लाख तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर कम जीएसटी: इसे घटाकर 5% किया जा सकता है।
टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने का प्रस्ताव: यह भी विचाराधीन है।
बीमा कंपनियों की चिंताएं
बीमा कंपनियों (Insurance Companies) के मुताबिक जीएसटी पूरी तरह हटाने के बजाय, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठा सकें। अगर टर्म इंश्योरेंस को जीएसटी मुक्त किया जाता है, तो बीमा कंपनियों को ITC नहीं मिलेगा, जिससे उनके ऑपरेशनल खर्च बढ़ सकते हैं। इसका असर अंततः ग्राहकों पर पड़ सकता है, जिससे बीमा प्रीमियम महंगा हो सकता है।
बीमा सेक्टर में टैक्स कटौती क्यों जरूरी?
भारत में बीमा कवरेज (Insurance Penetration) केवल 3.7% है, जो वैश्विक औसत से काफी कम है। जीएसटी में कटौती से बीमा अधिक सुलभ और किफायती होगा। इससे देश की बड़ी आबादी को बीमा के दायरे में लाने में मदद मिलेगी।
अब आगे क्या होगा?
अप्रैल में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक होगी। मई के अंत या जून की शुरुआत में जीएसटी काउंसिल अंतिम फैसला ले सकती है। अगर राज्य और केंद्र सरकार सहमत होते हैं, तो स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर टैक्स राहत दी जा सकती है।
ये भी पढ़ेः SBI-ICICI-HDFC अकाउंट रखने वालों के लिए जरूरी खबर
क्या हैं संभावित लाभ?
- बीमा प्रीमियम सस्ता होगा, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी।
- वरिष्ठ नागरिकों और कम आय वाले परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा अधिक सुलभ होगा।
- देश में बीमा कवरेज बढ़ाने में मदद मिलेगी।