Greater Noida News: जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी बड़ी और अच्छी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली और ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) से कनेक्ट होगा। गाजियाबाद (Ghaziabad) से जेवर और दिल्ली से जेवर तक दो रैपिड रेल कॉरिडोर्स (Rapid Rail Corridors) बनाए जाएंगे। इन कॉरिडोर्स पर मेट्रो भी चलेगी। दोनों प्रोजेक्ट की डीपीआर (DPR) भी तैयार कर ली गई है। इस प्रोजेक्ट पर करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह जानकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार परियोजना का बजट केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी मिलकर उठाएंगे।
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एक ही लाइन पर दौड़ेगी मेट्रो और रैपिड रेल
खबर के अनुसार गाजियाबाद से रैपिड रेल (Rapid Rail) का कॉरिडोर जेवर एयरपोर्ट तक जाएगा। इसे दो चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में गाजियाबाद, गौर चौक, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-16 बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-4, इकोटेक-12, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर-10, नॉलेज पार्क-5 और ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर पुलिस लाइन तक स्टेशन बनेंगे। पहले चरण में 39.39 किलोमीटर लंबा रूट बनना है।
इस प्रोजेक्ट पर 13,055 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अच्छी बात यह होगी कि एक ही लाइन पर रैपिड रेल और मेट्रो दोनो दौड़ेंगी। दूसरे चरण में पुलिस लाइन, मलकपुर, नॉलेज पार्क-3, परी चौक, इकोटेक-6, दनकौर, यमुना क्षेत्र के सेक्टर-18, सेक्टर-20, सेक्टर-21 फिल्म सिटी और जेवर एयरपोर्ट स्टेशन होंगे। यह रूट 32.90 किलोमीटर लंबा होगा। इस हिस्से को पूरा करने के लिए 6,988.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस तरह पूरे 72.29 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को बनाने में 20,043.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कंपनी ने इसकी पूरी डीपीआर तैयार कर दी है। अब बहुत जल्दी यह डीपीआर सरकार के सामने पेश की जाएगी।
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आईजीआई से जेवर एयरपोर्ट तक दूसरा रूट
दूसरा रूट दिल्ली में स्थित आईजीआई से लेकर जेवर एयरपोर्ट तक होगा। इस रूट की लंबाई लगभग 80 किलोमीटर होगी। यह रूट दिल्ली आईजीआई से सीधा नोएडा एयरपोर्ट तक आएगा। इस रूट पर तीन प्रकार की रेलगाड़ी चलेंगी। एक रैपिड रेल होगी। जिसकी रफ्तार 114 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरी प्रकार की रैपिड रेल 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। तीसरी सेवा मेट्रो की होगी, जो 56 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलेगी। इस रूट पर 22 मेट्रो और 7 रैपिड रेल स्टेशन होंगे। सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने कहा कि 10 फ्यूचर स्टेशन इस रूट पर बनाए जाएंगे। जिनके लिए कॉरिडोर के किनारे खाली स्पेश छोड़ दिया जाएगा।
खर्च में मिलेगा दोहरा फायदा
इस प्रोजक्ट की अच्छी बात यह है कि इसमें कम खर्च में दोहरा फायदा मिलेगा। रैपिड रेल और मेट्रो के लिए एक लाइन तैयार होगी। एक लाइन पर मेट्रो और रैपिड रेल दोनों दौड़ेंगी। यानी कि मेट्रो और रैपिड रेल के लिए अलग अलग-लाइन नहीं बनेंगी। इससे कम खर्च होगा और फायदा दोहरा होगा। लोगों को रैपिड रेल और मेट्रो का इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग स्थान पर नहीं जाना होगा। एक जगह पर ही मेट्रो और रैपिड रेल दोनों मिल जाएगी। बस फर्क यह होगा कि मेट्रो में लगभग 22 स्टेशन होंगे और रैपिड रेल में करीबन 7 स्टेशन होंगे। मेट्रो सेक्टरों के अंदर से जाएगी और रैपिड रेल सीधे एयरपोर्ट पर पहुंचेगी।