Greater Noida West: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विश्वामित्र शाखा, पंचशील हाईनिश सोसायटी में गुरु दक्षिणा पर्व अत्यंत श्रद्धा, भावनात्मकता एवं उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। यह पर्व भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा की जीवंतता का प्रतीक है, जहाँ स्वयंसेवक अपने जीवन को राष्ट्र सेवा के संकल्प से जोड़ते हैं।
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इस अवसर पर सहकार्यवाह राजकुमार जी द्वारा गुरु दक्षिणा पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि – “गुरु केवल व्यक्ति नहीं, एक विचार होता है, एक ध्येय की ओर बढ़ने की प्रेरणा होता है। आज जब हम अपने जीवन में राष्ट्र सेवा का व्रत लेते हैं, तो वह हमारी गुरु को दी गई सच्ची दक्षिणा होती है।”
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत गीतों से हुई तथा संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक 87 वर्षीय राम किशन जी ने अपने संस्मरणों को साझा किया। कार्यक्रम का समापन ध्वज वंदन , प्रार्थना से हुआं। तत्पश्चात बौद्धिक सत्र में वक्ताओं ने गुरु-शिष्य परंपरा, भारत की सांस्कृतिक विरासत और संघ के कार्य की महत्ता पर विचार रखे। युवाओं, बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस आयोजन को प्रेरणास्पद बना दिया।
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विशेष रूप से स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत ‘देशभक्ति गीत’ और ‘संघ नित्य’ ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी स्वयंसेवकों ने गुरु दक्षिणा अर्पित करते हुए “निष्ठा पूर्वक संघकार्य करने” का संकल्प दोहराया। गुरु दक्षिणा पर्व न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की दिशा में एक दृढ़ कदम है। पंचशील हाईनिश सोसायटी में इस पावन अवसर पर संघ विचारों की भावपूर्ण अनुभूति और सामाजिक समरसता का अद्वितीय उदाहरण देखने को मिला।

