अगर आप दिल्ली-NCR में रहते हैं और आपकी गाड़ी ने 15 साल पूरे कर लिए हैं तो ये ख़बर आपके लिए है। आपकी गाड़ी चाहे वो टू-व्हीलर हो या 4 व्हीलर, उसे चलाते हुए 15 साल पूरे हो चुके हैं तो आरटीओ से उसका दोबारा रजिस्ट्रेशन हो सकता है।
क्योंकि इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में 15 साल की उम्र पूरी कर चुके वाहनों को जब्त किया जा रहा है। परिवहन विभाग इन वाहनों को लेकर पूरी तरह सक्रिय है। हालांकि पुराने वाहनों को जब्त करने को लेकर एनजीटी की ओर से क्या आदेश दिए गए हैं, उसका अध्ययन करने के लिए दिल्ली सरकार ने अभी वाहन जब्ती के अभियान पर बीते 20 दिन से रोक लगा रखी है।
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क्या है 15 साल पुराने वाहनों को लेकर नियम?
नियम है कि पेट्रोल वाहन जो 15 साल पुराने हैं, वह स्क्रैप हो जाएंगे और सड़कों पर नहीं चलेंगे। वहीं डीजल वाहनों के लिए यह नियम 10 साल के बाद से ही लागू होता है।
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15 साल पुराने वाहन सड़क पर दोबारा कैसे दौड़ सकते हैं?
आपका वाहन दो पहिया हो या चार पहिया अगर उसे चलाते-चलाते 15 साल पूरे हो चुके हैं तो आरटीओ से उसका दोबारा रजिस्ट्रेशन हो सकता है। मोटरसाइकिल और कार सहित सभी गाड़ियों को खरीदने के बाद आरटीओ में 15 वर्ष के लिए ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है। पंद्रह साल पूरे होने के बाद वाहनों का दोबारा पांच साल के लिए रजिस्ट्रेशन करने का नियम है।
किन वाहनों का दोबारा हो सकता है पंजिकरण और क्या हैं नियम?
वाहन चलने लायक हो और पांच सीटर से अधिक क्षमता का वाहन होने पर उसकी फिटनेस के बाद गाड़ी का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। मोटर साइकिल व कार के लिए रजिस्ट्रेशन निर्धारित फीस के साथ पांच वर्ष के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। अगर रजिस्ट्रेशन कराने में देरी होती है तो प्रति माह के हिसाब से लेट फीस भी ली जाती है। इसके साथ ही पंद्रह वर्ष पूर्व गाड़ी खरीदते समय आरटीओ में जमा किए गए वन टाइम टैक्स का दस फीसद राशि ग्रीन टैक्स के समय दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने पर जमा करने का नियम है।
क्या हैं दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की फीस?
- दोपहिया वाहन- रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपये, लेट फीस 300 रुपये प्रति माह।
- गैर परिवहन वाहन जैसे निजी कार – रजिस्ट्रेशन फीस 600 रुपये, लेट फीस 500 रुपये प्रति माह।
- परिवहन वाहन जैसे व्यावसायिक गाड़ियां – रजिस्ट्रेशन फीस 1000 रुपये, लेट फीस 500 रुपये प्रति माह।
दिल्ली-एनसीआर के वाहनों के लिए क्या हैं नियम
दिल्ली-एनसीआर के 15 साल पुराने वाहनों की उम्र पूरी होने के बाद तीन विकल्प दिए गए थे। जानिए क्या हैं वो-
- वाहन मालिक परिवहन विभाग से एनओसी लेकर अपने वाहन को अन्य राज्यों में पंजीकृत करा लें।
- इन वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलवा लें।
- इन्हें स्क्रैप करा लें।
क्या है अड़चन?
दिल्ली-एनसीआर में कई तकनीकी खामियों के चलते 15 साल पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलवा लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि कई लोगों ने अपनी पुरानी हो चुकी कारें इसी उम्मीद में खड़ी कर रखी हैं कि इलेक्ट्रिक में बदलवा लेने का उन्हें मौका मिल सकेगा। मगर सरकार इसे अभी शुरू नहीं करा सकी है।