कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले का घोसी विधानसभा सीट मूंछ की लड़ाई बन चुका है। यहां 5 सितंबर को विधानसभा का चुनाव होना है लेकिन ये हॉट सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि यहां लड़ाई एक विधायक के चुनाव से कही ऊपर बढ़कर अब देश के दो बड़े गठबंधन NDA और 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बनी INDIA गठबंधन के बीच अग्निपरीक्षा बन गई है।
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घोसी विधानसभा पर होने वाले चुनाव में बीजेपी ने जहां सपा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए दारा सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वही अखिलेश यादव ने अपने पुराने साथी और धुरंधर सुधाकर सिंह को टिकट दिया है।
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घोसी चुनाव के महत्व को आप इसी बात से समझिए कि बीजेपी ने करीब 2 दर्जन अपने मंत्रियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है जिसमे खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,संजय निषाद,बृजेश पाठक,केशव प्रसाद मौर्या और 2022 विधानसभा में अखिलेश के साथ मंच पर खड़े एनडीए के साथी बने ओमप्रकाश राजभर अपने उम्मीदवार के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिए हैं।
दरअसल घोसी विधानसभा से 2022 में सपा से दारा सिंह चौहान ने बड़ी जीत दर्ज की थी तब दारा सिंह चौहान को कुल 1,08,430 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के विजय राजभर को 86,214 मत प्राप्त हुए थे. इसके अलावा तीसरे नंबर पर बीएसपी के वसीम इकबाल रहे थे. वसीम इकबाल को 54,248 वोट मिले थे लेकिन दारा सिंह चौहान ने सपा का साथ छोड़कर बीजेपी में जाने का फैसला किया जिसके बाद ये सीट खाली हो गई और अब उप चुनाव होने जा रहे है।
घोसी सीट की बात करे तो यहां करीब 4 लाख 30 हजार के करीब वोटर है जिनमे 85 हजार मुस्लिम,70 हजार दलित,56 हजार यादव,राजभर 52 हजार, चौहान 46 हजार,19 हजार मल्लाह निषाद,15 हजार क्षत्रिय,14 हजार भूमिहार,7 हजार ब्राह्मण,30 हजार जायसवाल और बनिया वोटर है जिसके दम पर दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे है।
बीजेपी में शामिल हुए ओमप्रकाश राजभर अपने 52 राजभर वोट बैंक के सहारे बीजेपी के उम्मीदवार जीत दिलाने का वादा कर रहे है तो वही अखिलेश यादव यादव और मुस्लिम वोट बैंक को अपना समझ कर जीत दर्ज करने की बात कह रहे है।
वही शनिवार को सीएम योगा ने मऊ में विरोधियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि घोषी के उपचुनाव को वही महसूस कर पायेगा, जिसने मऊ के दंगे को देखा है. जब मऊ में हत्या हो रही थी तब सपा कांग्रेस चुप थी.उन्होंने आगे कहा कि सीएम योगी ने घोसी क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के समर्थन में अपील करते हुए कहा कि सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भटका हुआ नहीं कहा जाता
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में फागू चौहान ने बीजेपी की ओर से इस सीट पर जीत हासिल की थी. फागू चौहान के राज्यपाल बनने के बाद 2019 में उपचुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी से विजय राजभर ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 2022 में इस सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा थाऐसे में सपा और बीजेपी की प्रतिष्ठा घोसी पर दांव पर है।
घोसी सीट 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भी बहुत मायने रखता है क्योंकि अगर सीट पर सपा का उम्मीदवार जीत जाएगा तो इसकी चर्चा पूरे देश में होगी और INDIA के सभी दल इस बात का उदाहरण देंगे क्योंकि ये लड़ाई NDA और INDIA के बीच आमने सामने की हो रही है।