कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
दिल्ली-मेरठ-गाजियाबाद हाइवे पर मंगलवार सुबह हुआ सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। मौत के बाद इस हाईवे की सुरक्षा की अब धीरे धीरे पोल खुलने लगी है। इसके अलावा यहां का ट्रैफिक विभाग कितना सचेत है अपने काम को लेकर इसकी भी कलई खुलकर सामने आ गई है।
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जिस बस से 6 लोगों की मौत हुई उस बस का ड्राइवर प्रेमपाल उस वक्त नशे में पूरी तरह धुत था और सबसे बड़ी बात जिस हाइवे पर जगह-जगह CCTV कैमरे लगे है वहां से रॉन्ग साइड वो बस गुज़र रही थी जिसके पहले से ही 18 बार चालान कट चुका है फिर ट्रैफिक विभाग के लापरवाही की वजह से बस सड़क पर तेजी से दौड़ रही थी।
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जिस हाइवे पर बाइक तक के जाने पर रोक है और हर तरह की सुरक्षा की रखी गई है उस दिल्ली-मेरठ-गाजियाबाद हाइवे पर रॉन्ग साइड से एक स्कूल बस 8 किलोमीटर तक चलती रही है और किसी भी ट्रैफिक पुलिस की नज़र उस बस पर नहीं जा सकी ये उस बात का उदाहरण है कि यहां का ट्रैफिक विभाग कितना लापरवाह है। अगर रॉन्ग साइड से आ रही इस बस पर किसी भी सुरक्षा कर्मी की नज़र रही होती तो आज गुरुग्राम के रहने वाले 6 लोग खाटू श्याम मंदिर के दर्शन कर के सही सलामत अपने घर पर रहते। लेकिन नशे में धुत बस ड्राइवर और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही ने एक पूरे परिवार को ही मौत के घाट उतार दिया।
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गौरतलब है कि मंगलवार को गाजियाबाद में सुबह-सुबह अपने कार से गुरुग्राम से राजस्थान के खाटू श्याम जा रहे है एक ही परिवार के 8 लोगों को रॉन्ग साइड से गुज़र रही स्कूल बस ने कुचल दिया जिसके बाद तुरन्त 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 2 लोग अभी भी अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे है।
इस हादसे के बाद पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन सवाल सबके दिमाग में यही है कि ड्राइवर को अगर सजा हो भी जाती है तो उसे कौन सी सजा होगी जो इन 6 मौत के असली जिम्मेदार है। क्योंकि इस मौत का ड्राइवर के साथ साथ ट्रैफिक विभाग भी बराबर का जिम्मेदार है।