Ghaziabad में घर बनाने वालों के लिए बड़ी और राहत भरी खबर
Ghaziabad News: अगर आपका भी सपना गाजियाबाद में घर बनाने का है तो यह खबर आपको खुश कर देगी। आपको बता दें कि गाजियाबाद (Ghaziabad) में घर बनाने वाले लोगों को अब परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। घर बनाने से पहले अब जीडीए (GDA) से नक्शा पास कराना आसान होगा। अगर उनको राजस्व विभाग (Revenue Department) से एनओसी (NOC) मिल चुकी है तो नगर निगम से एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी, इस पर भी विचार किया जा रहा है। जिससे की लोगों को नक्शा पास कराने से पहले एनओसी (NOC) के लिए अलग- अलग विभागों में न दौड़ना पड़े।
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जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की अध्यक्षता में सोमवार को जीडीए ऑफिस में मीटिंग हुई। इस मीटिंग में शहर की सभी समस्याओं पर अधिकारियों के बीच बातचीत हुई, समस्याओं के समाधान के लिए उपाय बताए गए। बैठक का उद्देश्य शहर के लोगों को ज्यादा सुविधाएं प्रदान करना है और शहर में विकास कार्य को तेज गति से आगे बढ़ाने का रहा।
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जीडीए की संपत्ति का किया जा रहा है ऑडिट
जीडीए वीसी (GDA VC) ने जानकारी दी कि प्राधिकरण की योजनाओं में प्लॉट और संपत्ति की जानकारी की जा रही है। कौशांबी, इंदिरापुरम, प्रताप विहार में जीडीए (GDA) की संपत्ति का ऑडिट हो रहा है। इसमें कौशांबी में ही एक हजार करोड़ रुपये की खाली संपत्ति मिली है। जिस पर विकास काम के लिए योजना तैयार की जाएगी।
रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर नामदर्ज की प्रक्रिया के लिए वारिसान की एनओसी की अनिवार्यता भी समाप्त हो गई है, इससे शहर के लोगों के लिए नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है। जीडीए वीसी ने आगे जानकारी दी कि इस तरह की बैठक अब प्रत्येक सप्ताह आयोजित की जाएगी, जिससे कि शहरवासियों की समस्याओं का समाधान हो सके।

फ्लैटों की रजिस्ट्री न होने से राजस्व वसूली हो रही प्रभावित
आपको बता दें कि गाजियाबाद में संपत्ति के बहुत सारे ऐसे खरीदार हैं, जो कि बिल्डर से प्रोजेक्ट खरीद लिए हैं, लेकिन अब तक उन्होंने संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं कराई है। खासतौर पर ऐसा सर्वाधिक राजनगर एक्सटेंशन की सोसायटियों में है। इस कारण से राजस्व की वसूली प्रभावित हो रही है। विभाग के लिए इस बार भी शासन से प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत राजस्व की वसूली करना चुनौती है।
ऐसे में अब निबंधन विभाग (Registration Department) द्वारा सर्वे कर संबंधित बिल्डरों के साथ ही फ्लैट खरीदारों को नोटिस देने की योजना है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निबंधन विभाग को शासन से 3,007 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली का टारगेट मिला था। इसके सापेक्ष 2,552 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली संपत्ति के खरीदारों से स्टांप शुल्क और निबंधन शुल्क के रूप में की गई, जो कि लक्ष्य के सापेक्ष 85 प्रतिशत थी।
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इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने वसूली का लक्ष्य बढ़ाकर 3,104 करोड़ किया है। इसके सापेक्ष अब तक 2,130 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हो गई है, जो कि 69 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक 2,316 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 2,130 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हो चुकी है, जो कि 92 प्रतिशत है।

