Fuel: नोएडा और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पॉल्यूशन पर लगाम कसने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है।
Fuel News: नोएडा और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पॉल्यूशन (Pollution) पर लगाम कसने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। 1 नवंबर 2025 से नोएडा में 15 साल से पुराने पेट्रोल (Petrol) और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को ईंधन देने पर रोक लगेगी। इस नियम के तहत गौतमबुद्धनगर में करीब 2 लाख से अधिक पुराने वाहनों पर सख्ती होगी। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने यह फैसला लिया है। पढ़िए पूरी खबर…

एएनपीआर कैमरों से होगी निगरानी
परिवहन विभाग जल्द ही पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाएगा, जो पुराने वाहनों की पहचान करेंगे। यदि कोई वाहन निर्धारित उम्र से अधिक पुराना पाया गया, तो उसे ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों के अनुसार, पेट्रोल वाहनों की उम्र 15 वर्ष और डीजल वाहनों की उम्र 10 वर्ष है। इनकी उम्र पूरी होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में इनका संचालन प्रतिबंधित है।
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पुराने वाहनों का क्या होगा?
उप संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि जिन वाहनों की उम्र पूरी हो चुकी है, उनके मालिकों को दो विकल्प दिए गए हैं। पहला, वाहन को स्क्रैप करना होगा, और दूसरा, इसे उन राज्यों या जिलों में स्थानांतरित करना होगा जहां पुराने वाहनों का संचालन अनुमति है। ऐसा न करने पर वाहन को जब्त किया जा सकता है। पुराने वाहनों का संचालन नियमों का उल्लंघन माना जाएगा, क्योंकि ये प्रदूषण का प्रमुख कारण हैं।
यूपी के 33 जिलों में चल सकते हैं पुराने वाहन
डॉ. सियाराम वर्मा के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर से बाहर उत्तर प्रदेश के 33 जिलों में पुराने वाहन चलाए जा सकते हैं। इनमें इटावा, संत कबीर नगर, कुशीनगर, जौनपुर, कन्नौज, बलिया, मैनपुरी, प्रतापगढ़, लखीमपुर, बदायूं, गाजीपुर, अमेठी जैसे जिले शामिल हैं। वाहन मालिक परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.gov.in के माध्यम से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त कर अपने वाहन को इन जिलों में स्थानांतरित कर सकते हैं। यदि ये वाहन एनसीआर में पकड़े गए, तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
एएनपीआर कैमरों से होगी पुराने वाहनों की पहचान
सीएक्यूएम के निर्देशों के तहत, एएनपीआर कैमरे 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों की पहचान करेंगे। ये कैमरे कमांड सेंटर और प्रवर्तन टीम को अलर्ट भेजेंगे, जिसके बाद यातायात और परिवहन विभाग की टीमें वाहनों को जब्त करेंगी।
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दिल्ली के बाद नोएडा में लागू होगा नियम
यह नियम पहले दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से लागू हो रहा है, जिसके बाद एनसीआर के अन्य शहरों में इसे लागू किया जाएगा। नोएडा में इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है, जिससे 1 नवंबर से इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। यह कदम क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

