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FasTag: फास्टैग का इस्तेमाल करने वाले गाड़ी मालिकों के लिए अच्छी खबर

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FasTag का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ी राहत की घोषणा की गई है।

FasTag: फास्टैग का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों (Vehicle Drivers) के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ी राहत की घोषणा की गई है। सरकार ने 15 अगस्त से वार्षिक फास्टैग पास (Annual FASTag Pass) की शुरुआत की थी, जिसकी कीमत 3 हजार रुपये रखी गई है। इस सुविधा से टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर टैक्स भुगतान आसान हो गया है और अब सरकार ने नॉन-फास्टैग यूजर्स के लिए भी एक नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। पढ़िए पूरी खबर…

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क्या है टोल टैक्स का नया नियम?

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आम जनता को राहत देते हुए बिना फास्टैग वाले यूजर्स के लिए टोल टैक्स भुगतान की प्रक्रिया आसान कर दी है। नए नियम के तहत अब बिना फास्टैग वाले वाहन चालकों को दोगुना टोल शुल्क नहीं देना होगा, यदि वे यूपीआई के माध्यम से टोल टैक्स का भुगतान करते हैं।

यूपीआई से पेमेंट पर 1.25 गुना टोल देना होगा

मंत्रालय के नए प्रावधान के अनुसार, यदि कोई वाहन मालिक बिना फास्टैग के यूपीआई से टोल टैक्स भरता है, तो उसे केवल 1.25 गुना टोल शुल्क देना होगा। यह बदलाव वाहन मालिकों के लिए एक राहतभरा कदम माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें कैश भुगतान करने की स्थिति में दोगुना टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

कैश में भुगतान पर अब भी डबल टैक्स लागू रहेगा

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई वाहन चालक टोल टैक्स कैश में भुगतान करता है, तो उसे पहले की तरह दोगुना शुल्क देना होगा। यह व्यवस्था पहले से लागू टोल शुल्क नियमों के अनुसार ही जारी रहेगी। वहीं, यूपीआई भुगतान की नई सुविधा से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों में भी कमी आएगी।

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नई व्यवस्था 15 नवंबर से होगी लागू

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नई व्यवस्था 15 नवंबर 2025 से लागू की जाएगी। यानी, इस तारीख के बाद बिना फास्टैग वाले वाहन चालक यूपीआई (UPI) के जरिए टोल टैक्स भर सकेंगे और उन्हें केवल सवा गुना टोल देना होगा, जबकि कैश भुगतान करने पर अब भी डबल टोल देना अनिवार्य रहेगा।

टोल टैक्स में फर्जीवाड़े पर लगाम

सरकार ने टोल टैक्स वसूली में पारदर्शिता लाने और धांधली व फर्जीवाड़े को रोकने के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया था। इस कदम के बाद टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों में काफी कमी आई है। वर्ष 2022 तक फास्टैग की पहुंच लगभग 98 प्रतिशत वाहनों तक हो चुकी है।

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डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में कदम

फास्टैग व्यवस्था के बाद अब यूपीआई (UPI) पेमेंट की सुविधा लागू करने से डिजिटल ट्रांजेक्शन को और बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि टोल टैक्स संग्रह में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। मंत्रालय का कहना है कि यह बदलाव स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देशभर में टोल भुगतान व्यवस्था और अधिक आसान, तेज और तकनीकी रूप से सशक्त बनेगी।