मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, कर्मचारियों का बलिदान पीढ़ियों को प्रेरित करेगा
Delhi News: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौरान कर्तव्य पालन करते हुए जान गंवाने वाले 11 सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को प्रति परिवार 1 करोड़ रुपये के चेक सौंपे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सरकार की ओर से उनके साहस, सेवा और बलिदान के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है।
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बलिदान को हमेशा याद रखने का संकल्प
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इन बहादुर कर्मचारियों की निस्वार्थ सेवा और साहस हमेशा दिलों में जीवित रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को कर्तव्य, सहानुभूति और समर्पण की सीख देगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह दुख किसी भी सरकार द्वारा पूरी तरह से कम नहीं किया जा सकता, लेकिन यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह ऐसे परिवारों को हर संभव मदद प्रदान करे।
पिछली सरकार पर साधा निशाना
इस मौके पर सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन परिवारों के कानूनी हक को वर्षों तक अनदेखा किया गया। जब पूरी दुनिया अपने घरों में थी, तब हमारे डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी, पैरामेडिक्स और अन्य फ्रंटलाइन कर्मचारी जनता की सेवा में डटे रहे। दुर्भाग्यवश, उनके परिवारों को उनका हक पाने में लंबा इंतजार करना पड़ा। सीएम ने शहीदों के परिवारों के सदस्यों को 1 करोड़ रुपये के चेक वितरित किए और पिछली सरकार पर निशाना साधा।

इन कर्मचारियों के परिजनों को मिली आर्थिक सहायता
इस मौके पर दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्राज सिंह भी मौजूद रहे। जिन कर्मचारियों के परिवारों को यह आर्थिक सहायता दी गई, उनमें वी. नांगथानलियन (Department of Trade and Taxes), राज बाला गर्ग (GTB Hospital), बबिता (CBPACS) और रोहन जोशी (MCD) शामिल हैं। इनके अलावा डॉ. रविंद्र कुमार गोयल (DGHS), एनीयम्मा रेजी (MAMC), बिस्वजीत दास (DTC), राजेश कुमार (Department of Education), डॉ. नवीन राम (BSF), डॉ. विजय सिंह राजन (BSF) और अरुण सूद (DHS) के परिजनों को सीएम ने सहायता प्रदान की।

कोविड-19 सिर्फ स्वास्थ्य संकट नहीं था
सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने कहा कि कोविड-19 सिर्फ स्वास्थ्य संकट नहीं था, बल्कि लाखों परिवारों के लिए व्यक्तिगत त्रासदी भी थी। उन्होंने कहा कि आज हम उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं जिन्होंने इस महामारी में अपनी जान गंवाई। यह सहायता मुआवजा नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार की सहानुभूति और एकजुटता का प्रतीक है।
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मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि महामारी के कठिन समय में ये कर्मचारी ड्यूटी पर डटे रहे और मानवता व समर्पण का अद्वितीय उदाहरण पेश किया। दिल्ली सरकार ने अब इन परिवारों को उनका न्यायसंगत हक सम्मान के साथ वापस दिया, जिससे उनके प्रियजनों की याद हमेशा सम्मानजनक रहेगी। यह पहल दिल्ली सरकार की ‘जनता पहले’ नीति को सशक्त रूप से दर्शाती है और भविष्य में ऐसे परिवारों के प्रति निरंतर मदद और सहयोग का आश्वासन देती है।

