चंडीगढ़ में 17 साल बाद ऊर्जा संरक्षण भवन कोड लागू..जानिए क्या हैं इसके मायने?

पंजाब हरियाणा
Spread the love

Chandigarh News: चंडीगढ़ में 17 साल बाद से ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (Energy Conservation Building Code) लागू कर दिया है। केंद्र सरकार (Central Government) ने साल 2007 में ऊर्जा संरक्षण भवन कोड बनाया था। चंडीगढ़ में अब किसी भी व्यवसायिक भवन के निर्माण में चंडीगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन कोड 2024 सीईसीबी (CECB) का पालन करना होगा। इसे एक मई 2024 से लागू कर दिया जाएगा। जानिए क्या हैं इसके मायने?
ये भी पढ़ेः CM मान का बड़ा बयान..बोले- 2 साल में विकास के रास्ते पर पंजाब..आपके साथ की जरुरत

Pic Social Media

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ोसी राज्य समेत देश के लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सीईसीबी (CECB) को पहले ही अपना लिया था। हर साल करीब 30 प्रतिशत बिजली (Electricity) की बचत इसके जरिए कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने नए व्यवसायिक भवनों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए 2007 में से सीईसीबी (CECB) बनाया गया। इस कोड को 2017 में अपडेट किया और अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए थे।

अगर चंडीगढ़ (Chandigarh) की बात करें तो चंडीगढ़ में साल 2022 में इस पर काम शुरू किया गया। और उपयुक्त संशोधनों का सुझाव देने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की गई थी।

इन पर कोड लागू होगा

बिल्डिंग का कनेक्टेड लोड (Connected Load) 50 किलोवॉट या उससे अधिक है या भवन की कांटेक्ट डिमांड 60 केवीए या इससे अधिक है या भवन का प्लॉट क्षेत्रफल 1 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक है या भवन का निर्मित क्षेत्र बेसमेंट को छोड़कर 2 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक है इस बारे में आने वाली सभी कॉमर्शियल इमारत पर यह कोड लागू किया जाएगा।

यह बदलाव होंगे

बता दें कि हर साल 20 से 30 प्रतिशत बिजली की बचत ग्रीन हाउस गैसों (Green House Gases) का उत्सर्जन को कम कर होगा ऊर्जा की मांग घटेगी और वातावरण स्वच्छ रहेगा। इसके साथ ही खिड़की की साइज कॉरिडोर में सेंसर समेत आदि कहीं बदलाव करने होंगे।