Earth: हमारी हरी-भरी धरती, जो आज जीव-जंतुओं और इंसानों से भरी हुई है, भविष्य में संपूर्ण विनाश की ओर बढ़ रही है।
Earth News: हमारी हरी-भरी धरती (Earth), जो आज जीव-जंतुओं और इंसानों से भरी हुई है, भविष्य में संपूर्ण विनाश की ओर बढ़ रही है। यह दावा ब्रिस्टल विश्वविद्यालय (Bristol University) के वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली स्टडी के माध्यम से किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि स्थिति इतनी भयावह हो जाएगी कि जमीन और समुद्र सहित कहीं भी कोई भी प्राणी जीवित नहीं बचेगा। वहीं वैज्ञानिकों ने अब पृथ्वी के अंतिम भाग्य की तारीख की भविष्यवाणी की है।
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70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा पारा
वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक (Computer Simulation Techniques) का उपयोग कर यह भविष्यवाणी की है कि इस समय पृथ्वी का तापमान लगभग 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसे वातावरण में ना इंसान, ना जानवर, और ना ही कोई अन्य जीव-जंतु जीवित रह पाएंगे। इस गर्मी के कारण सब कुछ नष्ट हो जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 250 मिलियन यानी 25 करोड़ वर्षों में पृथ्वी पर प्रलय आ सकता है और तब धरती पर कोई भी जीवित चीज़ बची नहीं रहेगी।
ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय (Bristol University) के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को भी शामिल किया और वर्चुअल सिमुलेशन के जरिए धरती के भविष्य का पूर्वानुमान लगाया। उनके अनुसार, जिस तेजी से हम पृथ्वी पर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ा रहे हैं, उससे यह विलुप्ति बहुत जल्द हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 66 मिलियन साल पहले ऐसी ही एक घटना हुई थी, जब डायनासोर का विलुप्ति हो गया था।

सुपरकॉन्टिनेंट ‘पैंजिया अल्टिमा’ का निर्माण
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 25 करोड़ साल बाद सभी महाद्वीपों का विलय होकर एक नया सुपरकॉन्टिनेंट ‘पैंजिया अल्टिमा’ बनेगा। इस दौरान पृथ्वी पहले गर्म होगी, फिर सूख जाएगी और अंततः जीवन के लिए असंभाव्य हो जाएगी। इसके अलावा, ज्वालामुखियों का फटना भी बढ़ेगा, क्योंकि पृथ्वी का तापमान बढ़ने के साथ ज्वालामुखी अपनी गर्मी सहन नहीं कर पाएंगे और फूटेंगे।
सांस लेने में भी होगी मुश्किल
रिसर्च टीम के प्रमुख एलेक्जेंडर फ़ार्नस्वर्थ (Alexander Farnsworth) ने कहा कि पृथ्वी का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि यह किसी भी जीव के रहने लायक नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 66 मिलियन साल पहले पृथ्वी पर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अब से दोगुनी थी, जिससे शरीर गर्म होकर मौत का कारण बन जाती थी। भविष्य में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 40 बिलियन टन से अधिक हो सकती है, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा और ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में लोग मारे जाएंगे।

वैज्ञानिकों के अनुसार, पैंजिया अल्टिमा (Pangaea Ultima) के दक्षिणी और उत्तरी किनारों पर शायद कुछ समय के लिए जीवन के लायक परिस्थितियां बच सकती हैं, लेकिन अधिकांश हिस्से में जीवन का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
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बता दें कि यह रिसर्च 2023 में Nature Geoscience जर्नल में प्रकाशित हुई थी, जिसमें वैज्ञानिकों ने यह भविष्यवाणी की है कि पृथ्वी का भविष्य बेहद भयावह हो सकता है, और इस दिशा में हमें तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।

