Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों के लिए आफत भरी खबर सामने आ रही है। नोए़डा-ग्रेटर नोएडा (Noida-Greater Noida) में लोगों को उनके सपनों का आशियाना देने के लिए सरकार और बिल्डरों (Builder) ने लोगों को कैसे-कैसे सपने दिखाए थे। हाई-राइज सोसाइटी (High-Rise Society) में सपनों का घर, लिफ्ट, स्वीमिंग पूल, साफ-सफाई, 24 घंटे बिजली, बच्चों के खिलेने के लिए पार्क, 24×7 सुरक्षा और न जाने कितने वादे किए गए थे। लेकिन ज्यादातर वादे तो हवा-हवाई ही साबित हुए।
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कुछ लोग तो 10-12 साल से अपना फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। तो वहीं जिन लोगों को फ्लैट मिल गया है उनमें से भी बहुत से लोगों की अभी तक रजिस्ट्री नहीं (No Registry) हो पाई है। रजिस्ट्री के सपने के पीछे बाकी सभी सपने लोग भूल चुके हैं, लेकिन बिल्डर और अथॉरिटी रजिस्ट्री भी नहीं करवा पा रहे हैं। इसके लिए भी लोगों को सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इसके बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई। आज अब बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई होने की बात तो रोज कही जा रही है, लेकिन जिन लोगों को फ्लैट नहीं मिला है उन्हें कब मिलेगा? जिन लोगों की रजिस्ट्री नहीं हुई है उनके फ्लैट की रजिस्ट्री कब होगी, होगी भी या नहीं? इस पर जवाब देने वाला कोई नहीं है।
बिल्डरों ने घर खरीददारों को तो परेशान किया ही, उन्हें तो धोखा भी दिया है, इसके साथ ही अथॉरिटी का बकाया भी नहीं चुकाया। प्राधिकरण अब अपना बकाया नहीं चुकाने वाले बिल्डरों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। आपको बता दें कि प्राधिकरण का बकाया नहीं चुकाए जाने के कारण से ही खर खरीददारों के फ्लैटों की रजिस्ट्री अटकी हुई है। इस मामले में औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज सिंह नोएडा आए।
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बिल्डरों का प्लॉट अलॉटमेंट हो सकता है कैसिंल
समीक्षा बैठक में अपना बकाया नहीं चुकाने वाले बिल्डरों के खिलाफ कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। इस बैठक में बकाया नहीं चुकाने वाले बिल्डरों का प्लॉट आवंटन (Plot Allotment) निरस्त करने के साथ ही उनकी अन्य संपत्तियां (Property) अटैच करने की कार्रवाई पर भी फैसला हो सकता है।
अमिताभकांत समिति की सिफारिशें
अमिताभकांत समिति की सिफारिशों को दिसंबर 2023 में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मंजूरी मिली थी। इस पर शासनादेश भी जारी किया गया, जिसके मुताबिक बिल्डरों को 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। इस शासनादेश के बाद नोएडा प्राधिकरण के वित्त विभाग ने बिल्डरों पर बकाए की गणना शुरू कर दी थी। फरवरी में गणना का काम पूरा कर लिया गया। इसके बाद सभी 57 परियोजनाओं के बिल्डरों को बकाए से जुड़ी चिट्ठी भेजना भी शुरू कर दिया।
बिल्डरों ने नहीं जमा किए बकाया राशि
अथॉरिटी के अधिकारियों के मुताबिक 12 फरवरी 2024 तक सभी बिल्डरों को उनके बकाए के बारे में जानकारी दे दी गई थी। शासनादेश के मुताबिक अथॉरिटी की ओर से बकाए की जानकारी मिलने के 60 दिन के भीतर बिल्डरों को अपने कुल बकाए में से 25 फीसद राशि जमा करनी थी। 60 दिन की यह मियाद 12 अप्रैल को खत्म हो चुकी है। लेकिन इस स्कीम का फायदा उठाने में ज्यादातर बिल्डरों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। सिर्फ 20 बिल्डरों ने ही कुल बकाए में से 25 फीसद राशि जमा करवाई।
एक खबर के अनुसार 20 बिल्डरों ने अब तक कुल 170 करोड़, 77 लाख रुपये जमा करवाए हैं। भविष्य में इन बिल्डरों से प्राधिकरण को 450 करोड़ रुपये और मिलेंगे। अब तक जिन बिल्डरों ने पैसे जमा करवाए हैं, उनमें से 530 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है और 1500 फ्लैटों की रजिस्ट्री अभी होना बाकी है।
वादा करके मुकरे बिल्डर
अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के आधार पर लाई गई स्कीम को 13 बिल्डरों ने सहमति नहीं दी है। यही नहीं 24 बिल्डर ऐसे भी हैं, जिन्होंने पैकेज को लेकर सहमति तो दी, लेकिन पैसे जमा नहीं किए। अब देखना होगा कि घर खरीददारों को धोखा देने और जिस अथॉरिटी से जमीन मिली उसकी बात भी नहीं सुनने वाले बिल्डरों के खिलाफ अथॉरिटी क्या निर्णय लेती है। साथ ही यह भी देखना होगा कि अथॉरिटी घर खरीददारों के फ्लैटों की रजिस्ट्री पर कोई फैसला ले पाती है या नहीं।