Delhi News: GOADH फाउंडेशन ने मंगलवार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में देश-व्यापी भ्रूणहत्या विरोधी अभियान का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में सांसदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना है। कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सांसद ममता मोहंता को औपचारिक रूप से GOADH फाउंडेशन की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया। इसी अवसर पर फाउंडेशन का नया लोगो भी लॉन्च किया गया, जो बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति संस्था की नई प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मोहंता ने जमीनी स्तर पर महिलाओं के अधिकारों के लिए काम कर रहे उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को सम्मानित भी किया।
ये भी पढ़े: Delhi: विपक्ष करता है ड्रामा, मोदी सरकार का डिलिवरी पर ध्यान

फाउंडेशन के फ़ाउंडर अम्बेसडर फॉर पीस डॉ. मोहम्मद निज़ामुद्दीन ने सभा को संबोधित करते हुए इस पहल के उद्देश्यों को साझा किया। उन्होंने देश में व्यापक जागरूकता, सामुदायिक शिक्षा और वकालत पर केंद्रित अभियान की रूपरेखा पेश की। उन्होंने कहा, “बेटियाँ सम्मानित हों, बेटियाँ सुरक्षित हों, और बेटियाँ सशक्त हों—यही हमारा मिशन है।” कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यसभा सांसद निरंजन बिशी ने अभियान के प्रति अपना मजबूत समर्थन व्यक्त किया। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “जो समाज जन्म से पहले ही अपनी बेटियों को खो देता है, वह अपने भविष्य को खो देता है।” उन्होंने सरकारी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों और सामुदायिक नेताओं के बीच गहरी साझेदारी की जरूरत पर ज़ोर दिया, ताकि लैंगिक पक्षपात पर आधारित प्रथाओं को खत्म किया जा सके।
कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल थे—
पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी, नेशनल को-इनचार्ज (तमिलनाडु एवं कर्नाटक), बीजेपी (वीडियो संदेश के माध्यम से);
योगिता भायाना, सामाजिक कार्यकर्ता;
इंद्राणी सरकार, वरिष्ठ पत्रकार एवं फ़िलांथ्रो-एक्टिविस्ट;
इंद्राणी सरकार, वरिष्ठ पत्रकार एवं फ़िलांथ्रो-एक्टिविस्ट;
पी. बलराम नाईक, सांसद (लोकसभा);
धुल्लू महतो, सांसद, धनबाद;
प्रो. गीता सिंह, निदेशक, दिल्ली विश्वविद्यालय;
अश्लेशा रेड्डी, उद्यमी;
कालीचरण सिंह, सांसद (चतरा)
ये भी पढ़े: Delhi: MCD उपचुनाव में CM रेखा के वार्ड में BJP ने रचा इतिहास, जानिए 12 सीटों में कौन जीता कौन हारा?

कई NGOs और सामाजिक नेताओं ने भी भाग लेकर इस संकल्प को दोहराया कि भारत को ऐसा देश बनाया जाएगा— जहाँ हर बेटी सिर्फ जन्म ही नहीं ले, बल्कि सम्मान और उत्सव के साथ पले-बढ़े।

