Credit Card आजकल लोगों के लिए जरूरत जैसा बनता जा रहा है।
Credit Card: Credit Card का भारी भरकम बिल चुकाने का आसान तरीका आपको बताएगें। Credit Card आजकल लोगों के लिए जरूरत जैसा बनता जा रहा है। आपकी जेब में अगर पैसे न हों तो Credit Card की मदद से आप आसानी से शॉपिंग कर सकते हैं। साथ ही खरीदारी के दौरान बेहतर डिस्काउंट भी प्राप्त कर सकते हैं। Credit Card से ग्राहक जो भी रकम खर्च करते हैं, वो एक लोन की तरह होती है, जिसे ग्रेस पीरियड के अंदर चुकाना होता है। ग्रेस पीरियड में चुकाने पर उस रकम पर ब्याज नहीं लिया जाता। लेकिन अगर ग्रेस पीरियड मिस हुआ तो अच्छा खासा ब्याज देना पड़ता है। पढ़िए पूरी खबर…
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अगर आपके भी सिर पर Credit Card का भारी-भरकम बिल चढ़ा है तो बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer) की तरकीब इस मामले में काम की हो सकती है। इसके जरिए आप कर्ज के जंजाल में उलझने से खुद को बचा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपके पास एक से ज्यादा Credit Card होने चाहिए।
बैलेंस ट्रांसफर की तरकीब
बैलेंस ट्रांसफर, Credit Card से जुड़ी एक ऐसी सुविधा है, जिसमें एक कार्ड से दूसरे कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर कर बिल पेमेंट किया जाता है। इसके लिए ये जरूरी है कि आपके दूसरे Credit Card की लिमिट (जिससे आप रकम ट्रांसफर कर रहे हैं) ज्यादा हो क्योंकि आप अपने Credit Card का 75 प्रतिशत तक अमाउंट ही ट्रांसफर कर सकते हैं। जिस बैंक के कार्ड से बैलेंस ट्रांसफर का पैसा लेते हैं, वो बैंक इस सुविधा के बदले आपसे जीएसटी और प्रोसेसिंग फीस वसूलता है।
Credit Card बैलेंस ट्रांसफर का फायदा
बैलेंस ट्रांसफर का फायदा ये है कि आप दूसरे Credit Card की रकम से पहले वाले कार्ड के लोन को खत्म कर सकते हैं। हालांकि इससे आप पर दूसरे कार्ड (जिससे रकम को ट्रांसफर किया गया है) का लोन बकाया हो जाता है। लेकिन इससे फायदा ये मिलता है कि आपको नया ग्रेस पीरियड मिल जाता है। अगर आप उस ग्रेस पीरियड में रकम को चुकाते हैं तो आपको कोई ब्याज नहीं देना होता। साथ ही आप डिफॉल्टर बनने से बच जाते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होता।
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जानिए बैलेंस ट्रांसफर का तरीका
बैलेंस ट्रांसफर करने के दो तरीके हो सकते हैं। पहला तरीका ये है कि आपको बैंक के कस्टमर केयर पर फोन करना होगा और उनसे बैलेंस ट्रांसफर करवाना होगा। दूसरा तरीका ये है कि आप खुद ही बैंक के ऐप या वेबसाइट से बैलेंस ट्रांसफर कर लें। इसके लिए आपको दोनों कार्ड की डीटेल्स की जरूरत होगी। साथ ही आप बैलेंस ट्रांसफर को वापस चुकाने का तरीका एकमुश्त या ईएमआई विकल्प भी चुन सकते हैं।
बैलेंस ट्रांसफर इस स्थिति में बन सकता है मुसीबत
बैलेंस ट्रांसफर अगर आप 1-2 बार लेते हैं तो कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अगर आप आए दिन इस ऑप्शन को चुनते हैं, तो इससे आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है। इसके अलावा अगर आप बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुनते हैं और इसे ग्रेस पीरियड में नहीं चुका पाते तो एक बार फिर से कर्ज के जाल में फंसने का रिस्क बढ़ जाता है क्योंकि Credit Card के बिल का ब्याज बहुत भारी भरकम होता है और यह चक्रवृद्धि ब्याज के हिसाब से वसूला जाता है।