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सावधान! Punjab में तेजी से फैल रहा ये वायरस, बढ़ रही मरीजों की संख्या, रहिए सावधान…

पंजाब
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Punjab में मौसम के चल रहे बदलाव के कारण अब ये वायरस सक्रिय हो गया है।

Punjab News: पंजाब में मौसम (Weather) के चल रहे बदलाव के कारण अब ये वायरस सक्रिय (Virus Active) हो गया है। राज्य में बड़ी तादाद में वायरस से संबंधित लक्षण वाले मरीज सामने आ रहे हैं। बच्चों तथा बुजुर्गों (Children And Elderly) में इस वायरस ज्यादा अपना असर दिख रहा है। तकरीबन एक सप्ताह में यह वायरस खुद ही खत्म हो जाता है परंतु बच्चों तथा बुजुर्गों को इस वायरस से बचाव के लिए दवा की जरूरत पड़ती है। इस वायरस को क्रोना का निचला रूप कहा जाता है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि पंजाब राज्य में तेजी से इन्फ्लूएंजा वायरस (Influenza Virus) फैल रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक इन्फ्लूएंजा, जिसे आमतौर पर फ्लू भी कहा जाता है, इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है। यह दुनिया के सभी हिस्सों में आम है और ज्यादातर लोग बिना उपचार के ही इससे ठीक हो जाते हैं परंतु बच्चों तथा बुजुर्गों को इस वायरस के बचाव के लिए दवा का उपयोग करना होता है।

इन्फ्लूएंजा वायरस (Influenza Virus) लोगों के खांसने या छींकने पर आसानी से फैल सकता है। टीकाकरण इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। वहीं अमृतसर की बात करें तो मौसम के बदल रहे मिजाज के दौरान इस वायरस के मरीज बड़ी तादाद में देखने को मिल रहे हैं। सरकारी तथा प्राइवेट अस्पताल वायरस के लक्षण वाले मरीज दवा लेने आ रहे हैं कहीं बार तो नोज वालों को भी दवा लेने पड़ रही है।

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जानिए इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण

इंडियन मेडिकल संगठन के टी.बी. कंट्रोल प्रोग्राम के अधिकारी डॉ. नरेश चावला (Dr. Naresh Chawla) ने बताया कि फ्लू के लक्षण आमतौर पर जल्दी सामने आते हैं। बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द, खांसी, सिरदर्द, गला खराब होना, नाक बहना, थकान या कमजोरी महसूस होना, दस्त या उल्टी इत्यादि है।

उन्होंने बताया कि क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक यह संक्रमण आमतौर पर इन्फ्लूएंजा वायरस (Influenza Virus) की वजह से होता है। यही कारण है कि इसे फ्लू के अलावा इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है। इन्फ्लुएंजा ए, बी और सी, इस वायरस के सबसे आम प्रकार हैं, जो लोगों को संक्रमित करते हैं। इनमें से इन्फ्लुएंजा ए और बी मौसमी हैं, जो ज्यादातर लोगों को यह सर्दियों में होता है और इनके लक्षण भी गंभीर होते हैं। वहीं, इन्फ्लुएंजा सी से गंभीर लक्षण पैदा नहीं होते हैं और यह मौसमी नहीं है।

डॉ. चावला ने बताया कि डायबिटीज, अस्थमा, C.O.P.D. या फेफड़ों की किसी अन्य पुरानी बीमारी वाले मरीजों को वायरस से सावधान रहना चाहिए।

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व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है वायरस

इंडियन मेडीकल एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. रजनीश (Dr. Rajneesh) ने बताया कि फ्लू संक्रामक होता है, यानी कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इन्फ्लूएंजा से संक्रमित हर एक व्यक्ति 1 से 2 अन्य लोगों में फ्लू फैला सकते हैं। इन्फ्लूएंजा वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। आसपास के किसी व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने से, बूंदें या तो आपके हाथों पर आ सकती हैं या हवा के माध्यम से आपकी नाक या मुंह में जा सकती हैं।

इसके बाद फ्लू आपके फेफड़ों में चला जाता है। फ्लू वायरस (Flu Virus) से दूषित सतह को छूने और उसी हाथ से फिर अपने चेहरे, नाक, मुंह या आंखों को छूने से फैलता है। इन सतहों में दरवाजे के नॉब, डेस्क, कंप्यूटर और फोन जैसी चीजें शामिल हैं। फ्लू से पीड़ित किसी व्यक्ति के हाथ या चेहरे को छूने के बाद अपने हाथों से अपने चेहरे, नाक, मुंह या आंखों को छूने से भी संक्रमण फैलता है।

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इन 6 तरीकों से करें बचाव

आराम करें

हमारे शरीर को टिश्यू डेमेज होने पर उन्हें रिग्रोथ के लिए आराम की जरूरत पड़ती है। ब्रेन को भी आराम करना बहुत फायदेमंद होता है। बीमार होने पर बॉडी में एनर्जी लेवल बहुत कम रहता है। ऐसे में आराम करना लाभकारी होता है।

पानी अधिक पीएं

शरीर में दर्द और मसल्स पेन करने के लिए लगभग 6 से 7 लीटर प्रति दिन पानी का सेवन करना महत्वपूर्ण है। हाइड्रेशन मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है। ये अकड़न को रोकता है।

गर्म पानी से नहाएं

मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के सरल और सबसे प्रभावी तरीकों में से एक गर्म पानी से शांतिपूर्ण तरीके से नहाना है। यह शरीर में ब्लड सप्लाई बढ़ाकर अधिक आराम दे सकता है।

स्टीम इनहेलेशन और गरारे करें

स्टीम इनहेलेशन छाती में दर्द की समस्या को कम कर सकता है। जबकि नमक के पानी से गरारे करने से गले की सूजन कम हो सकती है।

खुद से दवा न लें

डॉक्टर को भी खुद से दवा न लें। यदि लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से इलाज जरूर कराना चाहिए। खुद ही डॉक्टर बनने की कोशिश बिल्कुल न करें।