Bihar

Bihar News: जहां बहता था नाला, वहां बना शहर का सबसे सुंदर पार्क

बिहार राजनीति
Spread the love

शहर के डंपिंग जोन पार्क के रूप में बदला

पार्कों की उपलब्धता से बदली शहर की तस्वीर

Bihar News: जहां कभी गंदगी और कचरे का ढ़ेर पड़ा रहता था, आने जाने वाले लोगों को गंदी बदबू आती थी, वो जगह अब शहर के सबसे बड़े पार्क ‘राजधानी वाटिका’ के रूप में तब्दील हो चुका है। वन विभाग ने पिछले दो दशकों में शहर की तस्वीर बदल कर रख दी है। वर्ष 2005 तक जहां शहर में गिने चुने पार्क थे, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 110 हो चुकी है। ये सभी पार्क न केवल शहरवासियों के लिए स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण प्रदान कर रहे हैं, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे रहे हैं। यहां विभिन्न प्रकार के पौधे जैसे पाटली ,, गोल्डमोहर, स्वर्ण चंपा, अड़हुल, प्लास, कनक चंपा, रक्त चंदन अमलतास, चांदनी, बोतल पाम, चाइनिज पाम, फौक्स्टेल पाम, बेंजमिना फाइकस आदि मौजूद हैं जो पार्क की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।

ये भी पढ़ें: Bihar News: 26.26 करोड़ की लागत से दरभंगा के पुरानी कमला नदी पर बनेगा गेटेड वीयर – उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी

राज्य का पहला पार्क, इको पार्क

राजधानी वाटिका जिसे बोलचाल की भाषा में इको पार्क के रूप में जाना जाता है, उसमें बच्चों सहित सभी वर्ग के लोगों के लिए आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इसमें बच्चों के मनोरंजन के लिए कई प्रकार के झूलों से लैस पार्क उपलब्ध हैं। ग्राउंड को महिलाओं की किटी पार्टी करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें जिम की सुविधा भी उपलब्ध है जिसमें महिलाओं और पुरूषों की अलग – अलग व्यवस्था की गई है। पार्क में स्वच्छ पेयजल, शौचालय, कैंटीन, बोटिंग, ग्रह नक्षत्र वाला गार्डन, फाउंटेन, विभिन्न आकृतियां जैसी कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां विभिन्न प्रकार के पौधे और साफ- सफाई, स्वच्छ वातावरण आकर्षण का केंद्र हैं। बच्चों के लिए पार्क में अत्याधुनिक झूले लगाए गए हैं। इनमें आर्क स्विंग, रोलर कोस्टर राइड, मल्टी सी सॉ, स्केटिंग, टायर नेट क्लाइंबिंग, स्काई वॉक आदि गतिविधियां शामिल हैं।

ठंड के मौसम में देखते बनती है खूबसूरती

ठंड के मौसम में इस पार्क की खूबसूरती देख्रते बनती है। एक तरफ विभिन्न प्रकार के प्रजातियों वाले गुलाब के फूलों का बगीचा अलग ही छटा बिखेरता है, वहीं दूसरी ओर यहां धूप में खेल रहे बच्चे और हर उम्र के लोग धूप का आनंद लेते नजर आते हैं। यहां प्रतिदिन हजारों लोग सैर, योग और मनोरंजन के लिए आते हैं। सुबह-सुबह टहलते लोगों की चहल-पहल और बच्चों की खिलखिलाहट अब शहर के सौंदर्य और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन चुकी है।

ये भी पढ़ें: Bihar News: मुंगेर के तारापुर में 29.88 करोड़ की लागत से शिव प्रतिमा स्थापित होगी, पार्क बनेगा – उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी

प्रवासी पक्षियों का डेरा: राजधानी जलाशय

राजधानी जलाशय जो कि राजधानी वाटिका का ही हिस्सा है, ठंड के मौसम में हर वर्ष हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों का डेरा होता है। इनकी चहचहाहट से पूरा सचिवालय गुलजार रहता है। यहां 30 से ज्यादा प्रजाति के कई पक्षी हजारों किलामीटर दूर से आते हैं। इन पक्षियों में कांब डक, लालसर, कूट, हाउस क्रो, एशियन कोयल, शिक्रा, ब्लैक काइट, ग्रे हॉर्नबिल आदि पक्षी शामिल हैं। इस परिवर्तन ने न केवल शहर की तस्वीर बदली है बल्कि शहरी जीवन में शांति और संतुलन का अनुभव भी बढ़ाया है। इस पार्क ने लोगों के बीच पौधों की महत्ता के बारे में भी जागरूक किया है।