Bihar Flood: नेपाल की भारी बारिश Bihar में भी कहर बरपा रही है।
Bihar Flood: नेपाल की भारी बारिश बिहार (Bihar) में भी कहर बरपा रही है। नेपाल (Nepal) में बाढ़ और भूस्खलन से करीब 170 लोगों की मौत हो चुकी है, इसके साथ ही 42 लोगों के लापता होने की खबर है। राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाके में सबसे अधिक तबाही देखने को मिल रही है। काठमांडू (Kathmandu) का अधिकांश हिस्सा डूबा हुआ है। वहीं नदियां उफनाने के बाद इसका असर बिहार में भी दिख रहा है। बैराजों के गेट खोलने पड़े हैं, जिससे गंगा, कोसी, गंडक, समेत कई नदियां उफान पर हैं। बिहार में 26 जिलों में बाढ़ का कहर है। पढ़िए पूरी खबर…
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गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक बाढ़, भूस्खलन और जलप्लावन की वजह से 42 लोग लापता हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम पोखरेल ने बताया कि बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 111 लोग घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा एजेंसियों की मदद से सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) जारी है। नेपाल सेना ने देश भर से 162 लोगों को हवाई मार्ग से निकाला है। पोखरेल ने कहा कि बाढ़ और जलप्लावन से प्रभावित 4,000 लोगों को नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने बचाया है।
भूस्खलन के कारण नेपाल के 48 राजमार्ग पूरी तरह से बंद
पहाड़ी इलाकों (Mountainous Areas) में भूस्खलन के कारण देश के 48 राजमार्ग पूरी तरह से बंद हो गए हैं। काठमांडू को जोड़ने वाले सभी राजमार्ग और अन्य रास्ते भूस्खलन के कारण बंद हैं। देश के कई जिलों का काठमांडू से किसी भी माध्यम से संपर्क टूट चुका है। शुक्रवार शाम से ही कई यात्री वाहक बस जगह-जगह पर फंसे हुए हैं। कुछ यात्री बसों के भूस्खलन की चपेट में आने से यात्रियों की जान गई है। शनिवार शाम ऐसे ही 2 बसों के पता लगने के बाद से उनमें से 14 शव निकाले गए।
बिहार पर टूटा बारिश का कहर, 30 लाख प्रभावित
नेपाल में हो रही आफत की बारिश का कहर बिहार (Bihar) पर टूटा है। कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा और गंगा नदी उफान पर हैं। कोसी नदी के बीरपुर बैराज के सभी 56 और गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बैराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए उत्तर, दक्षिण और मध्य बिहार में अलर्ट जारी किया गया है। नदी किनारे और निचले इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। राज्य के 26 जिलों में 30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन व जल संसाधन विभाग के अनुसार, सुबह 5 बजे तक कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सर्वाधिक है। इससे पहले 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था। पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर बैराज से भी सुबह 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे 13 जिलों में 17 लाख लोग प्रभावित हैं। चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया में पानी भर गया। वहीं, गंगा में उफान से बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में पहले से ही बाढ़ जैसे हालात हैं।
राज्य और केंद्र सरकार अलर्ट मोड में
बिहार में बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार दोनों अलर्ट हो गई हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister Nityanand Rai) ने NDRF के साथ समीक्षा बैठक की है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को तैयार रखा गया है। राज्य सरकार ने भी अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
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आपदा विभाग के राहत शिविर में पहुंच रहे लोग
आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्यशुरू कर दिया है। जिन क्षेत्रों में पानी फैल रहा है, वहां से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए NDRF और SDRF की तैनाती की गई है। आपदा विभाग की ओर से अब तक तीन राहत शिविर और एक सामुदायिक रसोई केंद्र का संचालन किया जा रहा है। शिविर में 1200 बाढ़ शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। बाढ़ ग्रस्त लोगों के बीच अब तक करीब 200 पॉलीथिन शीट्स और करीब 2200 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है। 240 नावों का परिचालन किया जा रहा है।
2008 जैसी बाढ़ की आशंका
2008 में कुशहा बांध के टूटने से बिहार में भारी तबाही मची थी, और इस बार भी लोगों को वैसी ही स्थिति का डर सता रहा है। हालांकि, इस बार पानी का बहाव पहले से ज्यादा है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।