Greater नोएडा वेस्ट मेट्रो का काम शुरू होने को लेकर बड़ा अपडेट

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो के काम को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तारीखों के ऐलान के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लग गई है। इसके कारण नोएडा से जुड़े दर्जन भर से ज्यादा मुख्य परियोजनाओं का काम शुरू होने में देरी होगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण नोएडा-ग्रेनो वेस्ट मेट्रो और सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन (Botanical Garden) तक चलने वाली मेट्रो लाइन है। अभी तक दोनों रूट की डीपीआर की मंजूरी की फाइल यूपी सरकार (UP Government) के पास भेजी गई है। इसके बाद केंद्र सरकार के पास भेजी जाएगी। ऐसे में अब नोएडा-ग्रेनो वेस्ट मेट्रो (Noida-Greno West Metro) का काम अगले साल तक ही शुरू हो पाएगा। बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट रूट पर मेट्रो चलने में पहले से ही 5 साल की देरी हो चुकी है।
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नोएडा-ग्रेनो वेस्ट के बीच चलने वाली मेट्रो लाइन के रूट में बदलाव हुआ था। यह लाइन अब सेक्टर-61, 71 होते हुए जाएगी। यहां से निकल रहे दिल्ली की ब्लू लाइन से ग्रेनो वेस्ट रूट को कनेक्ट करने के लिए सेक्टर-61 पर कॉमन स्टेशन प्लैटफॉर्म बनना है। पुराने रूट पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जाहिए की थी। इस रूट की नए सिरे से डीपीआर कर एनएमआरसी ने इस साल 5 फरवरी को बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी थी। अब इसको मंजूरी लेने के लिए यूपी सरकार के पास भेजा गया है।
यूपी सरकार से अभी इसको मंजूरी नही मिली है। अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी।

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आचार संहिता समाप्त होने के बाद चार-पांच महीने यूपी और केंद्र सरकार से मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा। इस प्रक्रिया में कंपनी का चयन होने में भी चार-पांच महीने का समय और चला जाएगा। इससे साफ है कि अगले साल तक काम शुरू होने के आसार हैं। इसी तरह सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक चलने वाली मेट्रो लाइन की डीपीआर को भी इस साल 8 जनवरी को मंजूरी देकर यूपी सरकार को सौंप दिया गया था। ऐसे में इस लाइन पर काम शुरू होने में भी देरी होगी।

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2 साल में भी जारी नहीं हो पाया सेफ सिटी का टेंडर

नोएडा में सेफ सिटी परियोजना को लागू करने की योजना लगभग 2 साल से चल रही है। पिछले एक साल से प्राधिकरण के अधिकारी लगातार टेंडर जारी करने का दावा करते आ रहे थे। पिछले महीने भी दावा किए थे कि जल्द टेंडर जारी कर दिया जाएगा लेकिन शनिवार तक भी प्राधिकरण के अफसर टेंडर जारी नहीं कर पाए। ऐसे में इस योजना पर भी कैमरे लगाने का काम अटक गया है। पहली बार टेंडर प्रक्रिया में भी कंपनी का चयन हो जाता है, तब भी अगले साल जनवरी-फरवरी तक ही काम शुरु होने के आसार हैं। अभी तक की योजना के अनुसार शहर में 561 स्थानों पर करीब 2500 कैमरे लगाए जाएंगे।

चिल्ला एलिवेटेड रोड का काम शुरू होने में भी होगी देरी

नोएडा और दिल्ली के रास्ते से जाम का झाम खत्म करने के लिए चिल्ला एलिवेटेड रोड (Chilla Elevated Road) बनाया जाना प्रस्तावित है। साल 2020 में इसका काम शुरू हुआ था लेकिन पैसों के विवाद के कारण साल 2021 में रुक गया। इसके बाद काम शुरू करने के लिए नए सिरे से इस साल टेंडर जारी किया गया। पहली बार टेंडर प्रक्रिया में कंपनी का चयन नहीं हो पाया। दूसरी बार टेंडर पिछले महीने जारी कर दिया गया था। टेंडर में आवेदन का समय 30 मार्च तक है। लेकिन अब आचार संहिता लगने के कारण टेंडर नहीं खुलेगा।

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बिजली सबस्टेशन में होगी देरी

नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के पास के अलग-अलग सेक्टरों में पांच जगह बिजली सबस्टेशन बनाये जाने हैं। इनके लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी तो कर दिए हैं लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी होने में देरी होगी। इससे बिजली सबस्टेशन का काम में भी देरी होगी।

दो अंडरपास भी अटके

नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर झट्टा और सुल्तानपुर गांव के सामने अंडरपास बनने हैं। प्राधिकरण की कोशिश थी कि आचार संहिता लगने से पहले टेंडर जारी कर दिए जाएं लेकिन अब इसमें देरी होगी। इसके अलावा राम वन गमन सहित कई अन्य थीम पर पार्क बनने हैं। कुछ जगह फव्वारे व डेकोरेटिव पोल लगने में भी देरी होगी।

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नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो रूट के लिए इंतजार बढ़ा

देशभर में आचार संहिता लगने से अब नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद स्टेशन तक मेट्रो फेज-3 प्रोजेक्ट का लोगों को और इंतजार करना होगा। इस प्रोजेक्ट पर डीएमआरसी और एनसीआरटीसी की संयुक्त सर्वे रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। इस रिपोर्ट का मंथन कर शासन ही प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की मंजूरी देगा। ऐसे में अब आचार संहिता लागू होने से इस प्रोजेक्ट पर भी पड़ेगा।

नई सरकार के गठन तक इस प्रोजेक्ट पर शासन स्तर से कोई मंजूरी नहीं मिल सकेगी। ऐसे में जून महीने के बाद ही इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ेगा। आपको बता दें कि प्रोजेक्ट की संशोधित डीपीआर में कुल 26691.30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल भूमि की जरूरत है। इसमें 7690.10 वर्ग मीटर क्षेत्रफल निजी जमीन और 19001.20 वर्ग मीटर सरकारी जमीन आ रही है। जीडीए अधिकारियों के मुताबिक निजी जमीन सीआईएसएफ और आवास विकास की है, जिनसे जमीन के लिए बात कर एनओसी लेनी पड़ेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत 1873.31 करोड़ रुपये बताई गई है। तो वहीं रूट की लंबाई 5.017 किमी है।