मिलावटी ईंधन का ख़तरनाक असर.. आपकी जेब और सेहत पर !

बिजनेस

भारत मे बढ़ती गर्मी सीधे-सीधे बिजली की आपूर्ति को बाधित करती है और आपके पास विकल्प के रूप मे डीजल जनरेटर इस्तेमाल करने के अलावा कोई भी दूसरा साधन आसानी से उपलब्ध नही होता है! इसे संचालित आप अक्सर डीजल किसी लोकल वेंडर के द्वारा माँगा रहे होते हो, जो आप से डीजल के दाम के अलावा इक डिलिवरी शुल्क लेकर डीजल घर मे उपलब्ध करा देता है !

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भारत मे हर एक पेट्रोल पंप मे गुणवत्ता और मात्रा जाँचने की सुविधा हर एक पेट्रोलियम कंपनी आपको अपने हर रिटेल आउटलेट मे देती है पर आप याद करे आख़िरी बार अपने कब इस सुविधा का उपयोग किया था? आप मे से ज़्यादातर लोग यही कहेंगे नही हमने ये कभी भी ऐसा नही किया तो आप कैसे सोचते है कि जो आप अपने घर, फॅक्टरी, खेतो अथवा अन्य जगहो पर  जो भी डीजल माँगते है वो आपको सही  मात्रा और गुणवत्ता का डीजल मिल रहा है?

अब अगर इक बात और सोचे ये नकली और कम मात्रा का डीजल आप की जेब और सेहत मे कितनी चोट डाल रहा होगा ? इसे जानने के लिये हमने बात की तपेश तिवारी से जो अपने करियर मे कई सारी इंटरनेट उपभोक्ता कंपनियों के संग जुड़े रहे हैं और इन दिनों फ्यूल बडी स्टार्टअप के साथ जुड़ कर इसी समस्या का समाधान भारतीय अपभोक्ताओ को देने का प्रयास कर रहे है।

उन्होने हमे बताया कि खराब डीजल के कारण ना केवल आप के उपकरण की क्षमता और कामकाजी कार्यकाल प्रभावित होता है बल्कि उसके रख-रखाव का खर्च भी बड़ा जाता है तो आप अगर आप इसे सही तरीके से मापें तो नकली डीजल के कारण आप जीतने पैसे बचा नही रहे होते है उससे कही गुना ज़्यादा का नुकसान आप को हो रहा होता है!

तपेश ने हमे ये भी बताया कि अगर आप अपने घर मे भी डीजल जनरेटर का इस्तेमाल करते है तो अज्ञात स्रोत से डीजल लेना तुरंत प्रभाव से बिल्कुल बंद कर दे क्योंकि मिलावटी डीजल से निकलने वाली गैसे और कार्बन पार्टिकल कही ज़्यादा होते है जो आपकी और आपके परिवार की सेहत को प्रभावित करते है! उन्होने हमे बताया कि इनके कारण होने वाले नुकसान से कई हाउसिंग सोसाइटीज मे प्रदूषण स्तर का लेवेल औद्योगिक क्षेत्रों मे होने वाले प्रदूषण स्तर के बराबर पहुँच गया है!

तपेश के मुताबिक भारत सरकार ने 2017-18 में डीजल वितरण के नियमो मे बदलाव करके डीजल वितरण के लिये लाइसेन्स देना शुरू किया था जिसके पीछे सरकार का मकसद डीजल की सही गुणवत्ता और मात्रा उपभोक्ताओ तक पहुंचाना था! पर क्योकि इसमे अधिकतर बड़ी कंपनीज़ ही आज तक काम कर रही थी तो अक्सर वो छोटी मात्रा माँग रहे उपभोक्ताओ के पास नही पहुँच पाती थी ऐसे मे बिना लाइसेन्स वाले विक्रेताओं से डीजल लेना छोटे उपभोक्ताओ की मजबूरी थी!

वो और उनकी टीम टेक्नालजी,आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स, GIS और डेटा विज्ञान का इस्तेमाल करके कम से कम मात्रा जैसे की 20 लीटर को भी सुलभता से गाहको को उपलब्ध कराने पर काम कर रहे है! उन्होने बताया की उनकी टीम का उद्देश्य  ग्राहकों को डीजल उनके माँगी गई जगह पर उसी सुलभता और सेवा भाव से पहुंचाना  जिन मानकों के साथ अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनीज़ आज आप के घर पर आपकी ज़रुरूत का सारा समान उपलब्ध करा रही है !

तपेश ने ये भी बताया कि डीजल वितरण अधिकृत कंपनियां को डेलिवरी के समय, ग्राहक वो सारे गुणवत्ता और मात्रा के टेस्ट उपलब्ध कराने होते है जो ग्राहक किसी भी अधिकृत पेट्रोल पंप मे कर सकता है! ऐसा करके ना केवल अपने जेब बल्कि अपनी और अपने परिवार की सेहत का ख्याल भी रख सकता है!

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