EPF Interest Rate Hike: पीएफ धारकों के लिए खुशखबरी की खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने शनिवार को 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर मिलने वाली ब्याज दर में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। अब कर्मचारियों को पिछले साल की तुलना में ज्यादा ब्याज दिया जाएगा। पढ़िए पूरी खबर…
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) अकाउंट के लिए ब्याज दर का ऐलान कर दिया है। ईपीएफओ ने करोड़ों कर्मचारियों के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब कर्मचारियों को पहले की तुलना में 0.10 प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलेगा। इसका मतलब है कि अब आपके पीएफ अकाउंट पर 8.25 प्रतिशत का ब्याज दर दिया जाएगा।
पिछले साल 28 मार्च को ईपीएफओ ने 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों के लिए 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर की घोषणा की थी। वहीं ईपीएफओ ने FY22 के लिए 8.10 प्रतिशत का ब्याज दिया था।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने लिया ब्याज में बढ़ोतरी का फैसला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने शनिवार को अपनी बैठक में 2023-24 के लिए EPF पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर (EPF Interest Rates) देने का फैसला किया है। सीबीटी के फैसले के बाद 2023-24 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।
जानिए कितनी मिलेगा ब्याज?
ईपीएफओ ने 2023-24 के लिए अब पीएफ जमा करने पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत तय कर दी गई है। बता दें कि पिछले 3 साल में यह सर्वाधिक है। ईपीएफओ ने मार्च 2023 में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को मामूली रूप से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया था। जो 2021-22 में 8.10 प्रतिशत थी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने मार्च 2022 में 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया था, जो 4 दशक में सबसे कम थी। वहीं 2020-21 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने शनिवार को अपनी बैठक में 2023-24 के लिए ईपीएफ पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करने का निर्णय लिया है।
ईपीएफओ ने जब घटाया था व्याज
मार्च 2022 में ईपीएफओ ने करीब 7 करोड़ कर्मचारियों के लिए 2021-22 के लिए EPF पर ब्याज को घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था, जो 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। ब्याज में कटौती होने के बाद ईपीएफ का ब्याज 1977-78 के बाद से सबसे कम हो गया था। वित्त वर्ष 1977-78 में ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत था। 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा (EPF Deposit) पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर सीबीटी द्वारा मार्च 2021 में तय की गई थी।
इस साल भी घटा था ब्याज
मार्च 2020 में भी ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा (EPF Deposit) पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत थी। EPFO ने अपने ग्राहकों को 2016-17 में 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर दी थी। वहीं 2015-16 में ब्याज दर थोड़ी अधिक 8.8 प्रतिशत थी। इसके साथ ही ईपीएफओ ने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दर दिया था।
वित्त मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार
श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में शनिवार को EPFO की 235वीं बोर्ड मीटिंग हुई है, जिसमें ब्याज दरों को बढ़ाने पर मंजूरी दे दी गई। बता दें सरकार के अनुमोदन के बाद 2023-24 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक ग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी।
करीब 7 करोड़ कर्मचारी रजिस्टर्ड
गौरतलब है कि EPFO प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट के तहत ब्याज दर का हर साल ऐलान करती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार करीब 7 करोड़ कर्मचारी जुड़े हुए हैं। ईपीएफओ के ब्याज तय करने के बाद वित्त मंत्रालय अंतिम फैसला लेता है। कर्मचारी भविष्य निधि खाते पर ब्याज साल में एक बार 31 मार्च को मिलता है।