Jaypee के 20 हज़ार फ्लैट ख़रीदारों के लिए बड़ी ख़बर

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Noida News: जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech) के 20 हजार फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech) मामले में अब नया मोड़ आ गया है। इस मामले को लेकर यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) और सुरक्षा समूह के बीच बातचीत शुरू हुई है। दोनों पक्षों के बीच एक मीटिंग हुई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और आपसी सहयोग से समस्याओं के समाधान पर सहमति बनी है। बताया यह भी जा रहा है कि बहुत ही जल्दी इस मामले में अच्छे परिणाम सामने आएंगे। इस मामले से जुड़े सभी 20 हजार घर खरीदारों की निगाहें अब आगे की प्रक्रिया पर हैं।

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यमुना प्राधिकरण करेगा किसानों का भुगतान

जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech) के अधिग्रहण को लेकर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने हाल ही में सुरक्षा समूह के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था। न्यायाधिकरण ने कंपनी को यमुना प्राधिकरण का बकाया 1689 करोड़ रुपये की जगह पर 1334.31 करोड़ रुपये चार किश्तों में चुकाने की बड़ी राहत दी। इस मामले में शासन स्तर से भी रिपोर्ट तलब की गई। वहीं, यमुना प्राधिकरण ने भी किसानों को 355 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के लिए अपनी जेब से भुगतान करने का निर्णय लिया है।

यमुना प्राधिकरण और सुरक्षा समूह के बीच विवाद

बैठक में प्राधिकरण और सुरक्षा समूह के बीच कई बिंदुओं पर आपसी सहमति बनी है। इस मामले में यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) और सुरक्षा समूह के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था। लेकिन दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक से संकेत मिते हैं कि वे आपसी सहयोग से इस मसले का समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। यमुना प्राधिकरण और सुरक्षा समूह के बीच बातचीत दौर आगे भी जारी रहेगा।

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7936 करोड़ रुपये से जुड़ा है मामला

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने 7 मार्च 2023 को सुरक्षा ग्रुप द्वारा 7936 करोड़ रुपये के ऑफर द्वारा दिवालिया हो चुकी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। अधिग्रहण का यह फैसला जेपी समूह के फ्लैट बायर्स के लिए किसी वरदान की तरह था। लेकिन इसके बाद भी यमुना अथॉरिटी, आयकर विभाग, जयप्रकाश असोसिएट लिमिटेड (जेपी असोसिएट) ने इस आदेश को चैंलेंज किया था।

11 महीने से मामला NCLAT में था पेडिंग

आपको बता दें कि ट्रिब्यूनल द्वारा सुरक्षा समूह के प्रस्ताव को स्वीकर कर लेने के बाद जेपी इंफ्राटेक की सिस्टर कंपनी जेपी असोसिएट ने मामले में बाधा डाला था। जेपी असोसिएट ने जेपी इंफ्राटेक के साथ किसी समय किए गए करार को ट्रिब्यूनल के सामने रखते हुए कहा कि इंफ्राटेक में होने वाले किसी भी काम पर जितना पैसा खर्च होगा, उसका 15 प्रतिशत पैसा जेपी एसोसिएट्स को लेने का हक है। इस पर 11 महीने से मामला NCLAT में पेडिंग था। अब इस पर फाइनल मुहर लग गई। अब जेपी असोसिएट को कोई पैसा शायद नहीं देना होगा।