ख़बर ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी से है जहां एक बार फिर मॉनिटर छिपकली(Monitor Lizard) जिसे गोह भी कहते हैं, के दो बच्चे नज़र आए। जिससे स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया है। सभी लोग बच्चों की सुरक्षा को लेकर फ्रिकमंद दिखाई दे रहे हैं।
अभी कुछ दिनों पहले भी मॉनिटर छिपकली सेंट जॉन स्कूल के सामने मौजूद सोसायटी निराला ग्रीनशायर(Nirala Greenshire) सोसायटी के अंदर एक गाड़ी में छिपा बैठा था। जैसे ही लोगों की नज़र पड़ी..सोसायटी में हड़कंप मच गया। कड़ी मशक्कत के बाद मॉनिटर छिपकली को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया। मॉनिटर छिपकली के दिखने से सोसायटी में दहशत है।
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छिपकली प्रजाति, सांप इसका भोजन
एक्सपर्ट के अनुसार गोहरा शांत जीव है। यह छिपकली की प्रजाति का है। ये छिपकली से बहुत बड़े आकार का होता है। व्यस्क गोहरे की लंबाई ढाई से तीन फीट तक हो सकती है। सांप जैसी जीभ होने के कारण इसे लोग जहरीला मानते हैं। गांव व शहरों में आज भी लोगों में यह धारणा है कि गोहरे का काटा पानी भी नहीं मांगता। मतलब गोहरे के काटने से तुरंत मौत हो जाती है। यह पूरी तरह मिथक है। मॉनिटर छिपकलियां मांसाहारी होती हैं और आहार के रूप में कीड़े, रेपटाइल, पक्षियों, मछलियों आदि का सेवन करते हैं। ये अपने आस-पास के छोटे जीवों को भी खाता है। सांप और पक्षियों के अंडे इसे पसंद हैं। जहरीले जीवों की खाद्य शृंखला को नियंत्रित करता है। अंग्रेजी में इसे मॉमन इंडियन लिजार्ड, मोनिटर लिजार्ड, बंगाल लिजार्ड व बंगाल मॉनिटर आदि नाम से जाना जाता है। सोसायटी में मॉनिटर छिपकली निकलने से लोग सहमे हुए हैं। डर इस बात का है कि वो बच्चों को नुकसान ना पहुंचा दे।