Punjab Driving Licence News: पंजाब में ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के लिए बड़ी खबर है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट (Transport Department) ने लाइसेंस धारकों को बड़ा झटका दिया है। सिस्टम को सुधारने और भ्रष्टाचार को कम करने की आड़ में लाखों लोगों को परेशानी में डाल दिया है। विभाग ने 4 महीने से लाइसेंस (License) की बैकलॉग बंद कर रखी है। पढ़िए पूरी खबर…
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इस वजह से कई लाइसेंस धारक (License Holder) अपने लाइसेंस को ऑनलाइन नहीं करवा पा रहे हैं। विभाग ने आर.सी. की बैकलॉग शुरू कर दी है लेकिन लाइसेंस की एंट्री अभी तक बंद हैं। इसे लेकर लोगों में असमंजस है कि लाइसेंस की बैकलॉग शुरू होगी या नहीं।
जिस भी व्यक्ति का लाइसेंस पुराने समय यानी स्मार्ट कार्ड नहीं बना है, वह दोबारा से लर्निंग लाइसेंस से अपना लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। एक महीने बाद वह पक्का लाइसेंस टेस्ट देकर बनवा सकता है। आर.टी.ओ. रनदीप सिंह हीर ने बताया कि विभाग से लाइसेंस की बैकलॉग शुरू करने संबंधी विचार चर्चा की थी जिसमें उन्होंने कहा कि लाइसेंस की बैकलॉग शुरू नहीं की जाएगी।
साल 2011 में शुरू हुए स्मार्ट कार्ड वाले लाइसेंस
साल 2011 में स्मार्ट कार्ड (Smart Card) वाले लाइसेंस शुरू हुए थे। साल 2010 तक सिंगल पेज पर होलोग्राम लगा लाइसेंस बनाया जाता था। साल 2011 में स्मार्ट कार्ड के लाइसेंस बनने शुरू हुए। जोकि वाहन-3 पोर्टल पर ऑनलाइन चढाएं जाने लगे। इसके बाद ट्रांसपोर्ट विभाग ने इसे अपडेट कर वाहन-4 पोर्टल में तब्दील कर दिया।
जानिए कितनी होगी सरकारी फीस
बता दें कि विभाग ने लाइसेंस (License) बनवाने के प्रोसेस को ऑनलाइन आसान कर दिया है। सारथी की साइट पर जाकर आवेदक खुद लर्निंग लाइसेंस अप्लाई कर सकता है। जोकि 6 महीने के लिए वैलिड होता है। इसके बाद वह एक महीने बाद पक्का लासड्रेस अप्लाई कर सकता है।
लेकिन वाहन के जरिए आवेदक को मैसेज भेज सूचित किया जाता है कि आवेदक अपना पक्का लाइसेंस अप्लाई कर सकता है। लर्निंग लाइसेंस (स्कूटर- मोटर साइकिल) के लिए 520 रुपए और पक्के लाइसेंस के लिए 1385 रुपए फीस अदा करनी होगी। लाइसेंस अप्लाई करने के लिए आवेदक को डॉक्टर से मेडिकल रिपोर्ट लगाना अनिवार्य है।
करप्शन के मामले सामने आने के कारण लिया फैसला: एस.टी.सी.
स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मनीष कुमार (Manish Kumar) ने बताया कि हैवी लाइसेंस बनवाने के लिए नॉर्मल लाइसेंस एक साल पुराना होना चाहिए। परंतु उनके पास ऐसी एप्लीकेशन आई है कि बैकलॉग को गलत तरीके से सारथी पर ऑनलाइन चढ़ाया गया है। करप्शन के मामले भी सामने आए हैं। कुछ लाइसेंस की अवधी 50 साल, 40 साल व 30 साल तक की थी। जबकि कानूनी तरीके से गलत थे। इसलिए लाइसेंस की बैकलॉग को बंद कर दिया गया है।