क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की तैयारी? क्या कहता है क़ानून?

Trending चुनाव 2024 दिल्ली दिल्ली NCR राजनीति
Spread the love

Arvind Kejriwal Arrested: दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को कल देर शाम प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के खिलाफ सुनवाई हो रही है। हालांकि CJI डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने मामले को दूसरे बेंच में भेजा है। शाम तक इस सुनवाई का फैसला आ सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गिरफ्तारी के बाद अब सीएम केजरीवाल इस्तीफा देंगे? या जेल जाने के बाद भी वो मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अगर ऐसा होता है तो उनके लिए सरकार चला पाना आसान होगा या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू होगा? आइए विस्तार से जानते हैं इस सवाल का जवाब

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें

ये भी पढ़ेंः Delhi के CM केजरीवाल गिरफ्तार..गुस्से में AAP कार्यकर्ता

Pic Social media

क्या सीएम पद से इस्तीफा देंगे केजरीवाल

कानून के जानकारों का इस मामले को लेकर कहना है कि कानून कहता है कि, दोषी ठहराए जाने तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली (Delhi) के सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, अयोग्यता प्रावधानों की रूपरेखा देता है, हालांकि पद से हटाने के लिए दोषसिद्धि होना जरूरी है। यानी सीएम केजरीवाल तभी इस्तीफा देने के लिए बाध्य होंगे जब उनपर दोष सिद्ध हो जाता है।

एलजी की भूमिका को लेकर केजरीवाल को सीएम बने रहने के लिए जेल से राहत की जरूरत होगी, या एलजी दिल्ली के शासन से को लेकर अनुच्छेद 239 एए के तहत सरकार को निलंबित करने के लिए राष्ट्रपति को शामिल कर सकते हैं। उपराज्यपाल अनुच्छेद 239एबी के अनुसार राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) के लिए संवैधानिक मशीनरी की विफलता का सहारा ले सकते हैं, जिससे संभावित रूप से केजरीवाल को इस्तीफा देना होगा और दिल्ली पर केंद्र सरकार (Central Government) के नियंत्रण का निर्देश जारी किया जा सकता है।

ये भी पढ़ेंः अनिल विज की नाराजगी पर बोले CM नायब सिंह..वो हमारे वरिष्ठ नेता, उनका आशीर्वाद ज़रूरी

Pic Social media

जेल से सरकार चला पाना होगा कितना कठिन

आपको बता दें कि एक मुख्यमंत्री कुछ अनुमतियों के साथ जेल से सरकार चला सकता है, जैसे कैबिनेट बैठकें आयोजित करना, जेल मैनुअल के मुताबिक और अदालत की मंजूरी के साथ फाइलों पर हस्ताक्षर करना।

लेकिन जेल में रहते हुए सरकार चलाना बहुत कठिन होगा। व्यवहारिक तौर पर देखें तो इसमें कई समस्याएं आएंगी। वो वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट मीटिंग ले सकते हैं, लेकिन इसमें एक अहम भूमिका जेल प्रशासन की होगी। ऐसी मीटिंग के लिए उन्हें जेल प्रशासन की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी। अगर प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो मीटिंग नहीं हो पाएगी।

कब-कब लागू होता है राष्ट्रपति शासन

संविधान का अनुच्छेद 356 के तहत किसी भी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल होने या इसमें किसी तरह की समस्या आने पर राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। दो बातों को इसमें आधार बनाया जा सकता है। पहला, जब सरकार संविधान के अनुसार, सरकार चलाने में सक्षम न हो तब। और दूसरा, जब राज्य सरकार केंद्र सरकार के निर्देशों को लागू करने में विफल रहती है। राष्ट्रपति शासन लगते ही कैबिनेट भंग कर दी जाती है। राज्य की पावर राष्ट्रपति के हाथों में चली जाती है। इनके आदेश पर ही राज्यपाल, मुख्य सचिव और दूसरे प्रशासकों या सलाहकारों की नियुक्ति की जाती है।

Pic Social media

अभी तक किसी ने नहीं चलाई जेल से सरकार

भारत के इतिहास में आज तक कोई भी सीएम जेल से सरकार नहीं चलाई है। राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण ने कहा कि केजरीवाल को ईडी (ED) ने गिरफ्तार किया है, ऐसे में यदि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो यह सीधे तौर पर अदालत पर निर्भर होगा कि वह उन्हें सीएम पद के दायित्व का निर्वहन करने देती है या नहीं। इसे लेकर संवैधानिक नियम-कायदे जैसी कोई बात नहीं है।

अन्य कैदियों की तरह जेल में रहेंगे केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सैगल ने बताया कि जेल में रहते हुए केजरीवाल पर भी वही जेल नियमावली लागू होगी जो दूसरे कैदियों के लिए है। इसके अनुसार जेल से वह केवल पत्र लिख सकते हैं, वह भी नियमित नहीं बल्कि समय समय पर ही। उन्हें वहां पर सरकारी फाइलें मंगवाने या कोई आदेश जारी करने की छूट नहीं रहेगी। जेल में कैबिनेट बैठक करने की बात तो सीधे तौर कल्पना की तरह ही है। इसी तरह जेल में रहते हुए किसी भी व्यक्ति को किसी से मिलने की अनुमति भी जेल नियमावली के अनुरूप ही दी जा सकती है।