Noida News: नोएडा का एक और बिल्डर दिवालिया हो गया है। अब फ्लैट खरीदारों की टेंशन (Tension) भी बढ़ गई है। जहां सेक्टर 150 स्थित स्पोर्ट्स सिटी में एटीएस समूह की एक कंपनी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवालिया प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस परियोजना के लिए इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त हो गया है।
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आपको बता दें कि इस जमीन पर एटीएस ली-ग्रैंडियोज ग्रुप हाउसिंग (ATS Le-Grandiose Group Housing) परियोजना का काम चल रहा है। यह जमीन नोबलिटी एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित है। इस परियोजना को लेकर एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी में याचिका दायर की है। इस मामले में कंपनी फाइनेंशियल क्रेडिटर की भूमिका में है। एनसीएलटी ने याचिका स्वीकार करते हुए हितेश गोयल को आईआरपी नियुक्त किया है।
अब आईआरपी की ओर से कंपनी के निवेशकों से 8 दिसंबर तक अपने क्लेम (Claim) करने के लिए कहा गया है। परियोजना के फ्लैट खरीदारों को भी क्लेम करने के लिए कहा है। आईआरपी की तरफ से इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल नियुक्त किए गए हैं। वहीं प्रभत जैन, अमर पाल और नवीन खंडेलवाल हैं।
गौरतलब है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा नोएडा स्थित आनंद डिवाइन डेवलपर्स (Anand Divine Developers) के खिलाफ भी दिवालिया प्रक्रिया की कार्यवाही शुरू हुई थी। वहीं गीतांबर आनंद के नेतृत्व वाली एटीएस समूह की कंपनी और घर खरीदारों को अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा था।
लेकिन एनसीएलएटी ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल को 2 हफ्ते के भीतर एक प्रत्युत्तर दाखिल करने और 11 मई को अगली सुनवाई तक रोक लगाने का निर्देश के बाद कंपनी को थोड़ी राहत मिली थी।
एटीएस इंफ्रास्ट्रक्चर के सीएमडी गीतांबर आनंद (CMD Geetamber Anand) ने कहा कि हमें आदेश की एक प्रति प्राप्त हुई है और हम इसका अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन विचाराधीन राशि बहुत छोटी राशि थी। और संबंधित परियोजना पूरी हो गई थी।
उन्होंने कहा कि इसका हमारी अन्य परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस बीच हमने आईसीआईसीआई प्रू के साथ इस विवाद या मामले को पारस्परिक रूप से बंद कर दिया है। और जल्द ही एक समझौता दाखिल करेंगे।
ये रकम कंपनी को कम लग सकती है। जो राष्ट्रीय राजधानी के बाहर स्थित उल्लेखनीय रियल एस्टेट फर्मों (Real Estate) में से एक था। 2016 में, एटीएस ने कुल 1,700 करोड़ रुपये का कारोबार करने का दावा किया। उस चालू वित्त वर्ष के लिए 2,500 करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार है। इसका सकल लाभ कारोबार का 20 फीसदी था। समूह के पास मोहाली, चंडीगढ़, देहरादून और अहमदाबाद में बड़ी संख्या में परियोजनाएं हैं।
एटीएस का 2013 में मोहाली में 2,000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भी था। जब रियल्टी फर्म ने 2018 में तीन महीनों में 1,000 करोड़ रुपये के 975 फ्लैट बेचे थे।