दिल्ली-NCR के जाने-माने बिल्डर और आम्रपाली ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल शर्मा पर हत्या का आरोप लगा है। मामला सात साल पहले हुए मर्डर से जुड़ा है। 2 अगस्त, 2014 को डॉ. शरद चंद्र की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वो अपने घर की बालकनी में बैठकर अखबार पढ़े रहे थे, जब अचानक उन्हें गोली लगी और उनकी मौत हो गई। उस वक्त वो बिहार के लखीसराय में बालिका विद्यापीठ के सचिव के तौर पर काम कर रहे थे। मामला उसी विद्यापीठ की जमीन से जुड़ा है।
शरद चंद्र की पत्नी ने पटना हाई कोर्ट में हत्या की CBI जांच के लिए याचिका डाली थी. पिछले महीने ही जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की सिंगल बेंच ने मर्डर केस की जांच CBI को सौंपी. CBI जांच में पता चला कि हत्या का मकसद विद्यापीठ से जुड़ी जमीन और संपत्ति पर कब्जा करना था. सात आरोपियों की पहचान की गई जिनमें अनिल शर्मा भी शामिल हैं.
CBI ने अनिल शर्मा को लेकर किया खुलासा
CBI के हवाले से बताया गया है कि अनिल शर्मा ने कुछ लोगों की मदद से संस्था की जमीन और संपत्ति जब्त कर ली थी. शरद चंद्र ने इसका तीखा विरोध किया था. CBI ने आरोप लगाया है कि आम्रपाली ग्रुप के एमडी अनिल शर्मा ने राजेंद्र प्रसाद सिंघानिया, डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा, श्याम सुंदर प्रसाद और शंभु शरण सिंह की मदद से बालिका विद्यापीठ का ट्रस्ट अपने कब्जे में ले लिया था.
CBI के मुताबकि-
शरद चंद्र को पहले भी निशाना बनाया गया था क्योंकि उन्होंने स्कूल चलाने के तरीके पर सवाल उठाए थे. उन्हें पहले धमकी दी गई, उनके घर को नुकसान पहुंचाया गया और फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.
इससे पहले अनिल कुमार शर्मा के खिलाफ CBI ने करीब 472 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में छापेमारी की थी.