पुराना सेशन खत्म हो चुका है। नया सेशन शुरू होने वाला है। इसे लेकर स्कूल में पेरेंट्स का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। अक्सर देखा गया है कि CBSE स्कूल पेरेंट्स पर किताबें और यूनिफॉर्म स्कूल कैंपस के अंदर ही मौजूद स्टोर से ही लेने का दबाव बनाते हैं. यह शिकायत कई बार बोर्ड तक पहुंच चुकी है। और इसपर अब कारवाई करने के मूड में सीबीएसई आ गई है.
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बोर्ड से साफ निर्देश दिया है कि किताबें और यूनिफॉर्म किसी खास दुकान से खरीदने के लिए कोई भी स्कूल अभिभावकों पर दवाब नहीं बनाएगा. ऐसा करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द हो सकती है। साथ ही स्कूल कैम्पस में ऐसी कोई भी दुकान हो तो उसे हटाने का आदेश भी दिया गया है. सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक स्कूल किसी भी सूरत में बच्चों या अभिभावकों पर दबाव नहीं डाल सकते हैं. अभिभावक अपनी मर्जी से जहां से किताब लेना चाहें ले सकते हैं. यूनिफॉर्म खरीदने के लिए भी स्कूल दवाब नहीं डाल सकते हैं.
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दवाब बनाना पड़ेगा महंगा
प्राइवेट स्कूल अगर पोशाक, किताबें या कोई भी पठन पाठन सामग्री किसी निर्धारित दुकान से खरीदने का दवाब बनाते हैं तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. यह आदेश सीबीएसई ने सभी स्कूलों को दी है. बोर्ड ने कहा है कि अभिभावक यदि इसकी शिकायत बोर्ड के पास करेंगे तो ऐसे स्कूल पर सख्त कार्रवाई होगी. बोर्ड से अपने हिदायत में स्पष्ट किया है कि स्कूलों के खिलाफ एफिलिएशन बाइलॉज (संबद्धता परिनियम) 2018 के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.
पूरे मामले पर ऑल नोएडा पेरेंट्स एसोसिएशन ANSPA के महासिचव के अरुणाचलम ने कहा है कि बोर्ड का ये फैसला पहले भी आ चुका है लेकिन कोई भी स्कूल इसका पालन नहीं करता है। जो कि गलत है। क्योंकि स्कूलों में मौजूद दुकानों में ना तो अभिभावकों को किसी प्रकार की छूट मिलती है और ना ही सामान की क्वालिटी होती है. ऐसे में पेरेंट्स को मजबूरी में स्कूल से ही किताबे और यूनिफॉर्म खरीदनी पड़ती है।